अखबार में फर्जी विज्ञापनों से काली कमाई को सफेद करने के साथ सरकार को भी धोखा दिया गया। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने गिरोह से जुड़े हर सदस्य और कारोबार की कुंडली खंगालकर हकीकत उजागर की है। नोटिस में मीडिया संस्थान दबंग दुनिया की आड़ में भी काले कारोबार के खुलासे का जिक्र है।
7 हजार कॉपियों को बताते 1 लाख
दबंग दुनिया के सर्कुलेशन मैनेजर अशोक राय ने डीजीजीआइ को बयान दिया कि पब्लिकेशंस का मालिक वाधवानी है। मैं वैभव शर्मा के अधीन हूं। फर्जी दस्तावेज से चल रही बालाजी ट्रेडिंग वैभव के साले विनोद शर्मा के नाम से रजिस्टर्ड मिली है।
राय ने बताया, रोज 6-7 हजार कॉपी की बिक्री से 20-25 हजार रुपए का कलेक्शन होता है, जबकि ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन को 1 लाख कॉपी प्रकाशित होने की जानकारी दी जाती है। वैभव शर्मा ने भी 17 जून 2020 को दिए बयान में माना कि काले धन को बाकी प्रतियों की बिक्री से होने वाली आय के तौर पर दिखाई जाती है।
इनका मिला नाम
गुटखे को अलग-अलग शहरों में आसानी से भेजने के लिए मेसर्स दबंग दुनिया पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के आइडेंटिटी कार्डस का इस्तेमाल किया गया। इसी फर्म के कर्मचारियों के नाम पर एलोरा टोबैको कंपनी और मेसर्स बालाजी ट्रेडिंग का रजिस्ट्रेशन मिला है।
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