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मोबाइल से अमरीका में बैठा बेटा कर रहा बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, पालक रख रहे बच्चों की गतिविधियों पर नजर

locationइंदौरPublished: Oct 12, 2021 04:40:01 pm

खास खबर: मोबाइल एक, सुविधाएं अनेक : आधुनिक उपकरण व एप्लीकेशन से खुद की, परिजन और वाहन की सुरक्षा भी कर रहे लोग
 

मोबाइल से अमरीका में बैठा बेटा कर रहा बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, पालक रख रहे बच्चों की गतिविधियों पर नजर

मोबाइल से अमरीका में बैठा बेटा कर रहा बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, पालक रख रहे बच्चों की गतिविधियों पर नजर

प्रमोद मिश्रा
इंदौर. घर खाली छोड़ो तो सुरक्षा की चिंता सताती है, माता-पिता अकेले हों तो बार-बार फोनकर हाल-चाल पूछना पड़ता है, लेकिन आधुनिक संसाधन व स्मार्ट फोन ने काफी हद तक चिंता को कम किया है। अब स्थिति यह है, लोग खुद के साथ दूर बैठे परिजन की निगरानी करने के साथ उनकी सुरक्षा भी कर पा रहे हैं। वाहन की सुरक्षा में भी ये संसाधन काम आ रहे हैं। स्मार्ट मोबाइल फोन से जहां एक ओर लोग साइबर फ्रॉड का शिकार बनते हैं, वहीं इसका सही प्रयोग कई मायनों में जीवन को आसान कर देता है। वर्तमान दौर में इसका भरपूर फायदा उठाना भी शुरू हो गया है।
घर के हर कोने में लगाए कैमरे
पॉश कॉलोनी साकेत नगर में सेवानिवृत्त अफसर दंपती रहते हैं। उनके दो बेटे हैं, जो अमरीका में रह रहे हैं। माता-पिता की चिंता रहती है, लेकिन आधुनिक कैमरों ने उनकी परेशानी कम कर दी है। बच्चों ने घर के हर कोने में कैमरे लगा दिए है, जिन्हें वाईफाई से जोड़ा है। अमरीका में बैठे-बैठे वे मोबाइल के जरिए बुजुर्ग माता-पिता की निगरानी करते हैं। थोड़ी भी देर नजर नहीं आए तो पास में रहने वाले रिश्तेदार अथवा नौकर को फोन कर सचेत कर देते हैं। साइबर एक्सपर्ट चातक वाजपेयी के मुताबिक, कैमरे व इंटरनेट ने सात समुंदर पार की दूरी कम कर दी है।
ऐप

बच्चों की निगरानी
चाइल्ड मॉनिटरिंग ऐप

छोटी उम्र में बच्चे मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग करने लगे हैं। ऐसी स्थिति में अनजाने में लिंक क्लिक करने से एडल्ट साइट खुल जाती है। बच्चे परिवार से छिपाकर ऑनलाइन गेम्स खेलने लगते हैं, जो परेशानी का कारण बनते हैं। वाजपेयी के मुताबिक, ऐसे में पालक मोबाइल के जरिए बच्चों की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। बच्चा कहां जा रहा, किससे बात कर रहा, चैट किससे हो रही, यहीं नहीं लोकेशन भी पता कर सकते हैं। नॉर्टन फैमिली, गूगल फैमिली लिंक का उपयोग कर सकते हैं।
होम ऑटोमेशन अथवा स्मार्ट होम
वर्तमान दौर में होम ऑटोमेशन व स्मार्ट होम की ओर लोग आकर्षित हुए हैं और अपने मोबाइल ऐप से ही घर के सारे उपकरण संचालित करते हैं। घर के सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाइट, पंखा, टीवी, फ्रिज, वाटर पंप, माइक्रोवेव अथवा दरवाजे खोलने-बंद करने का काम भी मोबाइल से हो रहा है। इसके लिए स्मार्ट थिंग, गूगल नेक्स, वेमो, कोर होम ऑटोमेशन व एलेक्सा मुख्य ऐप हैं।
सिटीजन कॉप, मोबाइल पर है आपकी सुरक्षा
पुलिस के सिटीजन कॉप ऐप से मोबाइल, पासपोर्ट गुमने की शिकायत घर बैठे मोबाइल से दर्ज करा सकते हैं। ऐप बनाने वाले राकेश जैन के मुताबिक, इसके अलावा ट्रेवल सेफ व लाइव लोकेशन ट्रेकिंग के जरिए देख सकते हैं, परिवार का मोबाइल धारक कहां है। युवतियों की सुरक्षा के लिए एप्लीकेशन में लक्ष्मण रेखा खींच सकते हैं। इसके तहत युवतियों की सीमा तय की जाती है। सीमा से मोबाइल बाहर गया तो परिजन के नंबर पर अलर्ट पहुंच जाता है। साथ ही एसएओ हेल्प मी ऑप्शन भी रहता है। परेशानी में है, कॉल नहीं कर सकते हैं तो हेल्प पी ऑप्शन को क्लिक करें। पुलिस कंट्रोल रूम से आपके पास फोन आ जाएगा।
तय सीमा के बाहर गाड़ी गई तो बंद हो जाएगा इंजन
वाहनों की सुरक्षा में भी नए प्रयोग होने लगे हैं। कई दोपहिया वाहन में कंपनी जीपीएस सिस्टम लगाकर देती है। मोबाइल से इनकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। जीपीएस से आधुनिक तकनीक से वाहन की जीओ फेंसिंग की जा सकती है। इसमें सीमा तय की जाती है। अगर कोई चोरी कर वाहन ले जाए और सीमा से बाहर जाए तो इंजन अपने आप बंद हो जाएगा। मोबाइल पर अलर्ट आएगा और उसकी लोकेशन ट्रेस हो जाएगी।
मोबाइल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस: इसमें हम मोबाइल को आवाज से कंट्रोल कर सकते हैं। गूगल असिस्टेंट, कोरटाना, सिरी व एलेक्सा इसके प्रमुख ऐप हैं।
छोटे व्यापार में मोबाइल का उपयोग
– बिना किसी बड़े इनवेस्टमेंट के जरिए छोटे व्यापार की शुरुआत में भी मोबाइल मददगार बन सकता है। शुरुआत के लिए गूगल बिजनेस, वाट्सऐप बिजनेस व अमेजन बिजनेस मुख्य साधन बन सकते हैं।
अब तो मोबाइल के जरिए कार शेयरिंग
एक समय जब टैक्सी कैब की शुरुआत हुई तो इसकी बुकिंग एप्लीकेशन के जरिए मोबाइल से होती थी। उबेर, ओला ऐप के जरिए कैब बुक होती थी और यह परिवहन का सुरक्षित साधन बन गया। अब ट्रैफिक की परेशानियों को देखते हुए कार शेयरिंग की ओर लोग आकर्षित हुए हैं। एक ही रूट पर अलग-अलग वाहन से जाने के बजाय कार शेयरिंग करते हैं। किराए से वाहन मिल रहे हैं। जीप, कार व टूरो ऐप का इसके लिए इस्तेमाल हो रहा है।
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