पीपुल्स ग्रुप के पांच ठिकानों पर सुबह 5 बजे जांच शुरू हुई थी जो रात 1 बजे तक चली। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद यह सर्चिंग की गई। भारत के विदेश में बसे कुछ लोगों ने ग्रुप को करीब 500 करोड़ रुपए की फंडिंग की थी। कई देशों से कुछ साल पहले यह राशि आई थी। जिस उद्देश्य के लिए यह फंडिंग की गई थी उसके बजाए इसे दूसरे कामों में इस्तेमाल करने की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया। ईडी ने अभी अपनी जांच में चार कंपनियों को लिया है। इन कंपनियों के खातों से अन्य कंपनियों के खाते में लेन देने की बात सामने आ रही है जिन्हें भी जांच में शामिल किया जाएगा। अभी ग्रुप से जुड़े 9 से 10 डायरेक्टरों को केस में शामिल किया है।
ग्रुप का हेल्थ से जुड़े कामों के साथ ही रियल एस्टेट का भी कारोबार है। एक पारमार्थिक ट्रस्ट का भी संचालन किया जाता है। प्राथमिक जांच में ग्रुप की चार कंपनियों में फॉरेन फंडिंग का इस्तेमाल होने की जानकारी सामने आने के बाद इनसे जुड़े दस्तावेज जब्त कर टीम जांच कर रही है। जिन लोगों ने विदेश से राशि भेजी है, उनकी पूरी जानकार हासिल करने के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की है।