गोविंद बिस्वास ने अपनी अलग शैली विकसित की है साथ ही उन्होंने कैनवास के बजाय रबर से बने मीडियम पर काम करते हैं। उनके काम में महानगरों की आपा-धापी और भागम-भाग के बीच पर्यावरण की चिंता भी नजर आती है। वहीं दुर्गेश बिरथरे अवधेश यादव और सतीश भाईसारे अमूर्त शैली में काम करते हैं और रंगों का बर्ताव उन्हें अलग पहचान देता है।
प्रदर्शनी के दौरान शहर के ही कला समीक्षक राजेश्वर त्रिवेदी की पुस्तक उत्सुक का विमोचन भी होगा। इस पुस्तक को रजा फाउंडेशन की ओर से छपवाया गया है। इसमें इंदौर स्कूल ऑफ आर्ट, मध्यप्रदेश की समकालीन कला और यहां के कलाकारों पर सारगर्भित जानकारी है। इसमें कलाकारों से बातचीत, संस्मरण और उनकी कला दृष्टि पर लिखा गया है। इसमें जिन कलाकारों को शामिल किया गया है वे सभी युवा हैं और कलाक्षेत्र में सक्रिय हैं।