केंद्र सरकार बताए अस्पतालों को रक्त संक्रमण परिषद से लाइसेंस लेने से छूट क्यों दी
इंदौरPublished: Jun 18, 2018 11:43:16 pm
– हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी
केंद्र सरकार बताए अस्पतालों को रक्त संक्रमण परिषद से लाइसेंस लेने से छूट क्यों दी
– हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी सिटी रिपोर्टर, इंदौर
देश में रक्तदान एवं रक्त चढ़ाने सहित उचित दरों पर आम जनता को सुरक्षित रक्त प्रदान करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 1996 में आदेश दिए थे। इस आदेश के तहत केंद्रिय रक्त संक्रमण परिषद और राज्य रक्त संक्रमण परिषद (ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल) का गठन किया गया था। सभी राज्य में अनिवार्य रूप से इस काउंसिल का गठन किया गया था। काउंसिल ने अस्पतालों, रेड क्रॉस सोसायटी, नर्सिंग होम और डे केयर सेंटर सहित इस क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओं के लिए रक्त दान सहित खून चढ़ाने सहित इससे जुड़े अन्य नियम बनाए थे। 2005 में ड्रग एंड कास्मेटिक्स एक्ट में संशोधन किया गया, जिसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, रेड क्रॉस सोसयटी, डे केयर सेंटर सहित इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी एनजीओ को केंद्र और राज्य की ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल से लाइसेंस लेना होगा एवं लिए गए लाइसेंस का हर वर्ष रिनिवल भी कराना होगा। 2005 से यह नियम लगातार चल रहा था लेकिन अगस्त 2017 में नियमों बदलाव करते हुए अस्पातलों, नर्सिंग होम और डे केयर सेंटरों को लाइसेंस लेने की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया। रेडक्रांस सोसायटी पर बंधन जारी राखा गया। अस्पतालों और नर्सिंग होम को दी गई राहत से लगातार नियमों की अनदेखी बड़ रही है। मरीजों की सुरक्षा भी दांव पर लग रही है। इसी मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में एडवोकेट अजय बागडिय़ा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई है। सोमवार को जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस एसके अवस्थी की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार सहित केंद्र और राज्य की ब्लड ट्रांसफ्यजून कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एडवोकेट अजय बागडिय़ा ने बताया याचिका दायर करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि रक्तदान और मरीजों को खून चढ़ाने आदि के काम जिम्मेदारी और नियमों के अनुसार किए जाएं।