इंदौर

जीत की खुशी- होल्कर स्टेडियम में जमकर नाचे खिलाड़ी, खजराना गणेशजी को समर्पित की ट्रॉफी

पहली बार रणजी ट्रॉफी का रण जीतने वाली बनी, मध्यप्रदेश की टीम

इंदौरJun 28, 2022 / 09:16 am

दीपेश तिवारी

इंदौर। मध्यप्रदेश को पहली बार रणजी ट्रॉफी दिलाने वाली टीम का सोमावर को इंदौर में भव्य स्वागत किया गया। हॉकी खिलाडिय़ों ने हॉकी स्टिक से गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद खिलाड़ी खजराना गणेश मंदिर पहुंचे।

उन्होंने यहां गणेशजी को ट्रॉफी समर्पित कर आशीष लिया। रात 8 बजे बाद टीम का होल्कर स्टेडियम में स्वागत किया गया। यहां खिलाड़ी नाचे भी। सम्मान समोराह को एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर, सचिव संजीव राव, कोच चंद्रकांत पंडित, बीसीसीआइ के पूर्व सचिव संजय जगदाले, कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने संबोधित किया।

इससे पहले मध्‍यप्रदेश की टीम ने रविवार को 41 बार की चैंपियन मुंबई को फाइनल में 6 विकेट से हराकर इतिहास रचते पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता। मध्‍यप्रदेश ने बेंगलुरु केएम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम पर अंतिम दिन 108 रन के लक्ष्‍य को 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। यह दिन मध्‍यप्रदेश क्रिकेट इतिहास का स्‍वर्णिम दिन रहा, जिसमें मध्यप्रदेश को पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।

मैच में मध्यप्रदेश ने खिताबी मुकाबले के 5वें दिन रविवार को 6 विकेट से जीत दर्ज की। रजत पाटीदार ने सरफराज खान की गेंद पर सिंगल लिया और टीम, साथी खिलाड़ियों और साथ ही बड़ी संख्या में प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया।

इस फाइनल मैच में मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। टीम ने सरफराज खान (134) के शतक और यशस्वी जायसवाल (78) की शानदार पारी की बदौलत 347 रन बनाए। वहीं ओपनर यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार के शतकों के दम पर मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। इससे एमपी ने आधा काम तो कर ही दिया था, क्योंकि अगर मैच ड्रॉ भी होता तो भी उसे ही विजेता घोषित किया जाता।

इसके बाद मुंबई की दूसरी पारी 269 रन पर सिमट गई, जिससे मध्यप्रदेश को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला। मध्यप्रदेश ने 4 विकेट खोकर 29.5 ओवर में ही इसे हासिल कर लिया और अपना पहला रणजी खिताब जीत लिया। रजत पाटीदार 30 जबकि कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 1 रन बनाकर अविजित लौटे।

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