सरकार का कहना है, पटवारी परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम अर्हता ग्रेजुएशन और कम्प्यूटर डिप्लोमा तय किया है। इस संबंध में ७ नवंबर को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, जो एक अक्टूबर से लागू हुआ है। जो नोटिफिकेशन जारी किया है उसके अनुसार फॉर्म जमा कराए जा रहे हैं, नियमंों की कोई अनदेखी नहीं की गई है। सरकार का जवाब आने के बाद कोर्ट ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के आदेश दिए हैं। १५ नवंबर को जस्टिस पीके जायसवाल की कोर्ट में याचिका की सुनवाई होगी।
यह है मामला
एडवोकेट रितेश ईनानी के माध्यम से करीब ११ छात्रों ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। ईनानी के मुताबिक पटवारी परीक्षा के लिए मप्र सिविल सर्विस रूल्स २०१३ के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने के लिए १२वीं पास होना एवं कम्प्यूटर में डिप्लोमा होना अनिवाय है, जबकि फार्म जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था में न्यूनतम अर्हता ग्रेजुएशन और कम्प्यूटर डिप्लोमा आ रहा है। इसके चलते कई उम्मीदवार फार्म जमा नहीं कर पा रहे है।
एडवोकेट रितेश ईनानी के माध्यम से करीब ११ छात्रों ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। ईनानी के मुताबिक पटवारी परीक्षा के लिए मप्र सिविल सर्विस रूल्स २०१३ के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने के लिए १२वीं पास होना एवं कम्प्यूटर में डिप्लोमा होना अनिवाय है, जबकि फार्म जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था में न्यूनतम अर्हता ग्रेजुएशन और कम्प्यूटर डिप्लोमा आ रहा है। इसके चलते कई उम्मीदवार फार्म जमा नहीं कर पा रहे है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कई सालों बाद राजस्व विभाग में 9100 से अधिक पदों पर पटवारी पद की भर्ती की जा रही है। इन पदों के लिए पूर्व में 12 वीं पास व कम्प्यूटर का डिप्लोमा होना अनिवार्य था, लेकिन इस परीक्षा में नियमों में बदलाव किया और अब स्नातक पास होना अनिवार्य किया है। साथ ही कम्प्यूटर संबंधी सीपीसीटी पोस्टिंग के दो साल के भीतर पास करना अनिवार्य है।