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प्रधानमंत्री आवास योजना की जमीन पर प्लॉट काटकर बेच दिए, 3 पर केस दर्ज

locationइंदौरPublished: Oct 27, 2021 10:52:29 pm

18-18 लाख में प्लॉट बेचने के साथ ही लोगों को घर बनाकर दे रहे थे

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इंदौर. प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट बनाने के लिए लिंबोदी की सरकारी जमीन २०१६ में कलेक्टर ने नगर निग को अलॉट की थी। इस जमीन पर ही जमीन के जादूगरों ने कब्जा कर प्लॉट बनाकर 18-18 लाख रुपए में बेच दिए। यही नहीं इन प्लॉट्स पर लोगो के मकान भी बनाकर उन्हें दिए जा रहे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अलॉट जमीन को बेचने वाले तीन जमीनों के जादूगरों के खिलाफ नगर निगम ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करवाई है।
लिंबोदी स्थित शिवधाम कॉलोनी के रहवासियों ने कलेक्टर को शिकायत की थी कि कॉलोनी के ए सेक्टर में नाले के पास की जमीन पर बिल्डर सिकंदर काला निवासी गणेशनगर, अश्विन अग्रवाल शिवधाम कॉलोनी, सत्येंद्र मीणा और अमित कलसी के द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसकी जांच के लिए कलेक्टर ने आदेश दिए थे। जिसके बाद जमीन का सीमांकन किया गया। जिसमें यहां मौजूद खसरा नंबर 191 एवं 192 की 1.831 हेक्टेयर सरकारी चारागाह की जमीन पर कुछ मकान जिला प्रशासन के अफसरों को मिले थे। इनमें से एक मकान में रहने वाले जितेंद्र पिता रामू कुशवाह ने अफसरों को बताया था कि उसे ये जमीन अश्विन अग्रवाल शिवधाम कॉलोनी ने अपनी बताकर बेची है। इसकी रजिस्ट्री भी उसने की है। वहीं इस प्लॉट की एवज में वो अभी तक 18 लाख रुपए भी उससे ले चुका है। यही नहीं पास का प्लॉट भी अग्रवाल ने कुलदीप तोमर को बेचा है, उसके पास में भी दो प्लॉट पर काला द्वारा निर्माण किया जा रहा है। जबकि 2016 में ही ये जमीन जिला प्रशासन ने नगर निगम को पीएमएवाय की बिल्डिंग बनाने के लिए अलॉट कर दी थी। नगर निगम को अलॉट हुई सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की जानकारी सामने आने के बाद नगर निगम के भवन निरीक्षक दीपक गरगटे ने तेजाजीनगर थाने में शिकायत की थी। इसके आधार पर पुलिस ने सिकंदर काला निवासी गणेशनगर, अश्विन अग्रवाल शिवधाम कॉलोनी, सत्येंद्र मीणा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र रचने, सरकारी जमीन पर कब्जा करने, कुटरचित दस्तावेज तैयार करने, कुटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने आदि धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पहले भी हुई थी शिकायत, नहीं दिया ध्यान
ये जमीन 2016 में ही नगर निगम को अलॉट होने के बाद भी 2019 में इस जमीन पर कब्जा शुरू हुआ था। उस समय तीनों ने मिलकर नाले किनारे की जमीन पर कब्जा करते हुए उसके प्लॉट बनाकर लोगों को बेचना शुरू किया था। शिवधाम कॉलोनी में ही रहने वाले कमलजीतसिंह सलूजा ने प्रशासनिक अफसरों को बताया कि यहां पर सरकारी जमीन पर कब्जे का विरोध उन्होंने और शिवधाम के अन्य रहवासियों ने पूर्व में भी किया था। जिसके बाद उन्हें तीनों ने मिलकर जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसकी शिकायत सभी रहवासियों ने तेजाजीनगर पुलिस को भी की थी। वहीं उसके बाद में भी रहवासी इसकी शिकायत करते रहे। लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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