पूर्व- पश्चिम में दो-दो डीसीपी, लसूडिय़ा-बाणगंगा जैसे बड़े थाने को होंंगे दो भाग अभी जो फॉरमेट तय हुआ है उसमें अधिकारियों की संख्या बढऩा तय है लेकिन बल बढऩे की स्थिति नजर नहीं आ रही है। अभी जिले में 2016 में स्वीकृत बल ही उपलब्ध नहीं है। इन सालों में करीब 928 आरक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनकी जगह पोस्टिंग नहीं हुई है। अधिकारियों का कहना है कि करीब 2 हजार अतिरिक्त बल मिलने पर कमिश्नर प्रणाली प्रभावी ढंग से लागू हो पाएगी।
अधिकारियों का होगा कोर्ट रूम
– पुलिस अधिकारियों को ज्यूडिशियल अधिकार मिलेंगे। नए ऑफिस के साथ स्टॉफ भी देना होगा, कोर्ट रूम भी अलग बनेंगे। – दो डीआइजी स्तर के अफसर ज्वाइंट कमिश्नर होंगे। एक के पास कानून व्यवस्था तो दूसरे के पास क्राइम इन्वेस्टिगेशन का प्रभार रहेगा।
– अभी पूर्व पश्चिम में एक-एक एसपी है। नई व्यवस्था में दो-दो डीसीपी रहेंगे।
– पुलिस अधिकारियों को ज्यूडिशियल अधिकार मिलेंगे। नए ऑफिस के साथ स्टॉफ भी देना होगा, कोर्ट रूम भी अलग बनेंगे। – दो डीआइजी स्तर के अफसर ज्वाइंट कमिश्नर होंगे। एक के पास कानून व्यवस्था तो दूसरे के पास क्राइम इन्वेस्टिगेशन का प्रभार रहेगा।
– अभी पूर्व पश्चिम में एक-एक एसपी है। नई व्यवस्था में दो-दो डीसीपी रहेंगे।
– क्राइम, ट्रैफिक, इंटेलीजेंस व हैडक्वार्टर के भी अलग-अलग एसपी (डीसीपी) रहेंगे।
– अभी शहर में पांच एएसपी हैं, प्रणाली में यह एडीशनल कमिश्नर होंगे। इनकी संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी। – अभी 9 सीएसपी हैं जो नई व्यवस्था में एसिस्टेंट कमिश्नर होंगे, इनकी संख्या करीब 20 हो जाएगी।
– लसूडिय़ा, बाणगंगा, एरोड्रम, चंदननगर, राजेंद्रनगर, भंवरकुआं, खजराना, तेजाजीनगर, कनाडिय़ा जैसे बड़े थानों को दो भाग में किया जाएगा। सभी के प्रभारी टीआइ होंगे। अभी एक सीएसपी के पास तीन थानों का प्रभार है। नई व्यवस्था में दो-दो थानों का होगा।
– अभी शहर में पांच एएसपी हैं, प्रणाली में यह एडीशनल कमिश्नर होंगे। इनकी संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी। – अभी 9 सीएसपी हैं जो नई व्यवस्था में एसिस्टेंट कमिश्नर होंगे, इनकी संख्या करीब 20 हो जाएगी।
– लसूडिय़ा, बाणगंगा, एरोड्रम, चंदननगर, राजेंद्रनगर, भंवरकुआं, खजराना, तेजाजीनगर, कनाडिय़ा जैसे बड़े थानों को दो भाग में किया जाएगा। सभी के प्रभारी टीआइ होंगे। अभी एक सीएसपी के पास तीन थानों का प्रभार है। नई व्यवस्था में दो-दो थानों का होगा।