प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, दोनों ही बाइक तेज रफ्तार में थीं। एक बाइक पर अंकित शर्मा (32) निवासी वेंकटेश नगर व दोस्त जीवन सवार थे। दोनों इलेक्ट्रिशियन हैं और साइट पर काम करने जा रहे थे। वहीं दूसरी बाइक पर आशीष गांवशिंदे (32) निवासी शक्ति नगर थे। टक्कर में तीनों गाड़ी सहित घिसटते चले गए। घटना के वक्त नगर निगम के अपर आयुक्त रजनीश कसेरा सफाई व्यवस्था का जायजा लेने यहां से गुजरे। भीड़ देखकर वह रुके तो मौके पर घायल तड़पते दिखे। उन्होंने निगम के वायरलेस सेट पर आसपास मौजूद सफाई स्टाफ को बुलाने के साथ एंबुलेंस 108 और पुलिस को खबर की। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआई) संजय घावरी, राकेश डागोरिया और शैलेष पाल भी पहुंच गए। घायलों की हालत बिगड़ती देख कसेरा ने मौके पर पहुंची डायल 100 को उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा, लेकिन वे एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। इस पर उन्होंने घायलों को निगम की गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। इस बीच अंकित शर्मा ने दम तोड़ दिया। अरबिंदो अस्पताल में जीवन व आशीष का इलाज चल रहा है। अंकित का शनिवार दोपहर एमवाय अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ।
एक्सीडेंट जोन बना चौराहा लवकुश चौराहा एक्सीडेंट जोन की शक्ल ले रहा है। आए दिन यहां पर हादसे हो रहे हैं। सुपर कॉरिडोर, एमआर-१०, बाणगंगा रोड से जुड़ा होने के चलते दिनभर ट्रैफिक का दबाव रहता है। मुख्य सडक़ के साथ चारों तरफ की सर्विस रोड सीधे चौराहे पर आकर ही मिलती है। ट्रैफिक सिग्रल भी एक्सीडेंट के चलते टूट गया था। करीब एक महीने से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी ठीक नहीं हो पाया। निगम ने यहां पर पोर्टेबल सिग्रल लगाया है। चौराहे के आसपास कोई डिवाइडर नहीं है, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।