एएसपी संपत उपाध्याय व एएसपी अमरेंद्रसिंह के मुताबिक, लुबाना को हैदराबाद के बैगम बाजार इलाके से पकड़ा। आरोपी वहां होटल में रुका था। आरोपी ने मुंबई, मुठे, अहमदाबाद व हैदराबाद में फरारी काटना कबूला। वह परिवार के कुछ लोगों के संपर्क में था। उसके पास बैंक अकाउंट का एटीएम कार्ड था, जिसके जरिए राशि निकालकर वह फरारी काट रहा था।
2015 में लिया ठेका
अशप्रीतसिंह ने वर्ष 2015-16 में गवली पलासिया इलाके की शराब दुकान का ठेका लिया था। यह शराब दुकान उसने गैर कानूनी तरीके से चलाने के लिए राजू दशवंत को सौंप दी थी। राजू मास्टरमाइंड है। राजू ने ही फर्जी चालान भरकर 1 करोड़ 43 लाख 82 हजार रुपए का घोटाला किया था। आरोपी ने इसके बाद धार व अन्य जिले में शराब ठेके लिए थे। अशप्रीत का आरोप है, आबकारी विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त ने राजू दशवंत को शराब दुकान का संचालन सौंपने के लिए दबाव बनाया था।
अशप्रीतसिंह ने वर्ष 2015-16 में गवली पलासिया इलाके की शराब दुकान का ठेका लिया था। यह शराब दुकान उसने गैर कानूनी तरीके से चलाने के लिए राजू दशवंत को सौंप दी थी। राजू मास्टरमाइंड है। राजू ने ही फर्जी चालान भरकर 1 करोड़ 43 लाख 82 हजार रुपए का घोटाला किया था। आरोपी ने इसके बाद धार व अन्य जिले में शराब ठेके लिए थे। अशप्रीत का आरोप है, आबकारी विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त ने राजू दशवंत को शराब दुकान का संचालन सौंपने के लिए दबाव बनाया था।
घाटे की शराब दुकान का ठेका वे नहीं लेना चाहते थे, लेकिन दबाव डालकर वहां ठेका दिलाया। हमें पता नहीं था कि राजू ने इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है। जब घोटाला सामने आया तो अफसरों ने घोटाले की राशि जमा करने के लिए कहा, साथ ही आश्वासन दिया कि राशि जमा कर दी तो केस दर्ज नहीं होगा। एएसपी अमरेंद्रसिंह का कहना है कि घोटाले में किस आबकारी विभाग के अफसर की भूमिका है, इसका खुलासा राजू दशवंत की गिरफ्तारी से ही हो पाएगा। पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर ठेके से संबंधित दस्तावेज जब्त करेगी।