मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित जनसुनवाई में पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त ६० वर्षीय लक्ष्मीनारायण सिंह सोलंकी ने एसपी यूसुफ कुरैशी से शिकायत की। वे व्हीलचेयर पर बेटे घनश्याम के साथ पहुंचे थे। कहने लगे वर्ष २०१२ में सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्हें अब तक ग्रेज्युटी का पूरा रुपया नहीं मिला है। विभाग की ओर से उन्हें अब तक करीब २.८० लाख मिले हैं, जबकि इससे अधिक राशि लेना अब भी बाकी है। यह कहते हुए उनकी आंखों में आंसू भर आए। एसपी ने उनसे पूछा तो वे कहने लगे कि वे पहली बार इस संबंध में शिकायत करने पहुंचे हैं। शिकायत देख एसपी ने उन्हें तत्काल मदद कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।
क्वार्टर खाली कर दिया लेकिन फिर भी रिपोर्ट नहीं भेजी
बेटे घनश्याम ने बताया उनके पिता २०१२ में सेवानिवृत्त हुए। तब उन्हें ग्रेज्युटी के रूप में करीब ८.२० लाख मिले। पिता परिवार सहित पलासिया पुलिस लाईन में क्वार्टर में रहते थे। करीब एक वर्ष पहले उन्होंने क्वार्टर खाली कर पलासिया थाने में सूचना दे दी। आरोप है क्वार्टर खाली करने के संबंध में थाने से कोषालय में रिपोर्ट नहीं भेजी। वहीं डीआईजी ऑफिस स्थित कोषालय से इस संबंध में कोई रिपोर्ट कलेक्टर ऑफिस स्थित ट्रेजरी विभाग को भेजी गई। कई चक्कर काटने के बाद भी उनका ३ लाख से अधिक की ग्रेज्युटी मिलना बाकी है। क्वार्टर खाली करने के बाद से ही परिवार बकाया ग्रेज्युटी की मांग को लेकर बाबुओं से मिलते रहे। अंत में वे ट्रेजरी शाखा पहुंचे, तो उन्हें डीआईजी ऑफिस से नो ड्यूस लाने के बाद ही खाते में रुपए ट्रांसफर करने को कहा गया। लेकिन पुलिस परिवार से जुड़े होने के बाद भी संबंधित विभाग के कर्मचारियों ने समस्या का समाधान नहीं किया। इस तनाव में सेवानिवृत्त पिता को वर्ष २०१७ में पहली बार लकवा का अटैक आया। इसके बाद गत जनवरी में दूसरी बार लकवा अटैक आया। उन्हें एसपी ने मामले में दो दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया है।
बेटे घनश्याम ने बताया उनके पिता २०१२ में सेवानिवृत्त हुए। तब उन्हें ग्रेज्युटी के रूप में करीब ८.२० लाख मिले। पिता परिवार सहित पलासिया पुलिस लाईन में क्वार्टर में रहते थे। करीब एक वर्ष पहले उन्होंने क्वार्टर खाली कर पलासिया थाने में सूचना दे दी। आरोप है क्वार्टर खाली करने के संबंध में थाने से कोषालय में रिपोर्ट नहीं भेजी। वहीं डीआईजी ऑफिस स्थित कोषालय से इस संबंध में कोई रिपोर्ट कलेक्टर ऑफिस स्थित ट्रेजरी विभाग को भेजी गई। कई चक्कर काटने के बाद भी उनका ३ लाख से अधिक की ग्रेज्युटी मिलना बाकी है। क्वार्टर खाली करने के बाद से ही परिवार बकाया ग्रेज्युटी की मांग को लेकर बाबुओं से मिलते रहे। अंत में वे ट्रेजरी शाखा पहुंचे, तो उन्हें डीआईजी ऑफिस से नो ड्यूस लाने के बाद ही खाते में रुपए ट्रांसफर करने को कहा गया। लेकिन पुलिस परिवार से जुड़े होने के बाद भी संबंधित विभाग के कर्मचारियों ने समस्या का समाधान नहीं किया। इस तनाव में सेवानिवृत्त पिता को वर्ष २०१७ में पहली बार लकवा का अटैक आया। इसके बाद गत जनवरी में दूसरी बार लकवा अटैक आया। उन्हें एसपी ने मामले में दो दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया है।