इंदौर

जोखिम में जिंदगी : जर्जर क्वार्टर खाली नहीं कर रहे हैं पुलिसकर्मी

हर साल शिकायत पर मेंटेनेंस के लिए बजट तैयार कर भेजा जाता है मुख्यालय

इंदौरJun 25, 2021 / 01:49 am

रमेश वैद्य

इंदौर. पुलिसकर्मियों के लिए बने क्वार्टर की स्थिति किसी से नहीं छिपे नहीं हैं। मेंटेनेंस नहीं होने पर हालत काफी बदतर हो चुके हैं। विभाग तो मेंटेनेंस की तरफ ध्यान नहीं दे रहा। पुलिसकर्मी खुद अपने क्वार्टर में रिपेयरिंग करवाते हैं।
पुलिसकर्मियों के सरकारी क्वार्टर के मेंटेनेंस का जिम्मा पुलिस हाउसिंग बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, रक्षित निरीक्षक का होता है। हर साल पुलिसकर्मियों की शिकायत पर मेंटेनेंस के लिए बजट तैयार कर पुलिस मुख्यालय भेजा जाता है। बजट स्वीकृत करने के साथ वे तय करते हैं कि काम कौन करेगा। जितने की जरुरत होती है उतना बजट मिल नहीं पाता। यही कारण है कि सरकारी क्वार्टर में मेंटेनेंस नहीं हो पाता। दिन-ब-दिन इनकी स्थिति खराब होती जा रही है। वर्तमान में इंदौर में ५३०० पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। इनके लिए 2400 क्वार्टर अलग-अलग पुलिस लाइन में मौजूद हैं। इनमें से करीब ४०० क्वार्टर जर्जर हो चुके हैं। अभी पुलिस विभाग को करीब 3000 क्वार्टर की जरुरत है। यही कारण है कि जिन पुलिस परिवारों के पास क्वार्टर हैं, वे जर्जर होने के बाद भी उसे खाली नहीं करते। शहर में चौथी पल्टन, विजय नगर, सदर बाजार, बाणगंगा सहित अन्य पुलिस लाइन में भी स्थिति एक जैसी है। कहीं पर भी नियमित रूप से मेंटेनेंस नहीं होता।
द्रविड नगर पुलिस लाइन
यहां पर 92 सरकारी क्वार्टर हैं। ये सभी पूरी तरह जर्जर स्थिति में आ गए हैं। इसी के चलते इन्हें खाली कर इन्हें तोड़ा जाना है। वर्तमान समय में सभी में पुलिसकर्मियों के परिवार रह रहे हैं। अपनी जान की परवाह भी उन्हें नहीं हैं। करीब 50 साल पुराने ये क्वार्टर हैं। रक्षित निरीक्षक जयसिंह तोमर ने बताया कि सभी क्वार्टर को खाली करने के लिए कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन परिवार उन्हें खाली नहीं कर रहे हैं। इन क्वार्टर की स्थिति ऐसी नहीं है कि इन्हें रिपेयर किया जा सके। इन सभी के खाली होने पर तोडक़र नए सिरे से क्वार्टर बनाने की जरुरत है। मई में सभी को नोटिस जारी किया था। अब टीआइ छत्रीपुरा को इन्हें खाली करवाने के लिए पत्र लिख रहे हैं।
पिगडंबर पुलिस लाइन
राऊ इलाके में बनी पिगडंबर पुलिस लाइन छह साल पहले बनकर तैयार हुई थी। इसमें १४४ पुलिसकर्मियों व 36 अधिकारियों के लिए क्वार्टर हैं। पुलिस हाउसिंग बोर्ड ने इनका निर्माण किया था। हालत यह है कि कम समय में है दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं। कई घरों की छत से बारिश में पानी टपकता है। इन क्वार्टर के बनने के बाद मेंटनेंस के नाम पर यहां कोई काम नहीं हुआ। पुलिसकर्मी खुद ही घरों में रिपेयरिंग व अन्य जरुरी काम करवा लेते है। रक्षित निरीक्षक जय सिंह तोमर ने बताया कि तीन महीने पहले ही सभी क्वार्टर पर रंग-रोगन करवाया गया है। यहां से किसी भी पुलिसकर्मी ने पानी टपकने या अन्य कोई परेशानी की शिकायत नहीं की।
इंदौर में क्वार्टर की स्थिति
5300 पुलिसकर्मी
2400 क्वार्टर
400 जर्जर स्थिति में
3000 क्वार्टर की जरुरत
बजट मिलने पर करते हैं मेंटेनेंस
हाउसिंह बोर्ड के मुख्य अभियंता किशन विरानी ने बताया कि नए क्वार्टर बनने पर एक साल तो ठेकेदार ही मेंटेनेंस देखता है। उसके बाद यह काम पीडब्ल्यूडी करता है। अगर पुलिस हाउसिंग बोर्ड के पास मेंटनेंस के लिए बजट आता है तो हम यह काम करवा देते है। यह सब पुलिस मुख्यालय से तय होता है।

Home / Indore / जोखिम में जिंदगी : जर्जर क्वार्टर खाली नहीं कर रहे हैं पुलिसकर्मी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.