मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा में कांग्रेस द्वारा हमला करने के विरोध में इंदौर भाजपा ने कलेक्टोरेट के सामने दो घंटे धरना दिया। आंदोलन को सफल बनाने के लिए दीनदयाल भवन पर सुबह से कसरत चल रही थी। सभी पार्षदों को कम से कम २५ लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी गई तो मंडल व मोर्चा प्रकोष्ठ को अपनी टीम जुटाने को कहा गया।
अचानक आए संदेश के बाद में सुबह से जवाबदार काम पर लगे जिसका असर धरने पर दिखाई दिया। अच्छी संख्या में भाजपाई जुटे। दो घंटे के धरने पर विधायक रमेश मेंदोला और वरिष्ठ नेता मधु वर्मा को छोड़कर अधिकतर प्रमुख नेताओं ने अपनी बात रखी। पांच बजते ही धरना खत्म कर सभी प्रशासनिक संकुल की ओर रवाना हुए।
नेता जैसे ही पहुंचे, उससे पहले एसडीएम शाश्वत शर्मा के निर्देश पर रावजी बाजार पुलिस ने गेट बंद कर दिए, जबकि नियमित रूप से कोई न कोई संगठन ज्ञापन देने अंदर तक पहुंचता है। टीआइ संतोष यादव ने साफ कर दिया कि दस लोगों से ज्यादा को जाने नहीं दूंगा।
शुरुआत में विधायक महेंद्र हार्डिया अपने समर्थकों के साथ अंदर पहुंच गए। बाद में महापौर मालिनी गौड़ भी दो-चार पार्षदों के साथ अंदर चली गईं। इस बीच में फिर गेट बंद कर दिया गया। टीआइ यादव अड़ गए कि बस हो गया। इस पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि नगर भाजपा अध्यक्ष गोपी नेमा भी यहीं खड़े हैं तो ज्ञापन कौन देगा? तब जाकर नेमा के साथ में महामंत्री मुकेश राजावत, उपाध्यक्ष कमल वाघेला और हरप्रीतसिंह बक्शी को प्रवेश दिया गया।
हालांकि बाद में पहुंचे पूर्व विधायक जीतू जिराती ने फटकार लगाकर गेट खुलवाया और मोर्चा अध्यक्ष मनस्वी पाटीदार को लेकर अंदर पहुंचे। गेट के बाहर होने के बाद कई भाजपाई तुरंत अपनी टीम लेकर चलता हो गए। उनकी नाराजगी ये थी कि भीड़ उन्होंने जुटाई और उन्हें ही बाहर कर दिया गया। वहीं कोई भी नेता उनके लिए अड़ा नहीं। मानना था कि ज्यादा संख्या थी तो अफसर को गेट पर बुला लेते। उनका मान सम्मान रह जाता।
आए दिन सौंपते हैं ज्ञापन
भाजपा के ज्ञापन कार्यक्रम में प्रशासनिक संकुल का गेट बंद होना किसी को हजम नहीं हो रहा था। यहां पर आए दिन कोई न कोई संगठन ज्ञापन देने आता है जिन्हें अंदर तक आने दिया जाता है। चढ़ाव पर उनसे ज्ञापन ले लिया जाता है, लेकिन सत्ताधारी भाजपाइयों के साथ हरकत किसी के समझ में नहीं आई।
भाजपा के ज्ञापन कार्यक्रम में प्रशासनिक संकुल का गेट बंद होना किसी को हजम नहीं हो रहा था। यहां पर आए दिन कोई न कोई संगठन ज्ञापन देने आता है जिन्हें अंदर तक आने दिया जाता है। चढ़ाव पर उनसे ज्ञापन ले लिया जाता है, लेकिन सत्ताधारी भाजपाइयों के साथ हरकत किसी के समझ में नहीं आई।