पिछले एक महीने से पुलिस का जोर किरायेदार और कर्मचारियों की जानकारी जुटाने पर है। पुलिस कमिश्नर ने इसके लिए धारा-144 के तहत आदेश भी जारी कर दिया है। हाल ही में विजय नगर पुलिस ने जानकारी नहीं देने पर एक मकान मालिक के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। पुलिस ऑनलाइन जानकारी लेने के साथ थानों पर भी फॉर्म जमा करवा रही है। नगर सुरक्षा समिति के हजारों सदस्यों की मदद से पुलिस घर-घर जाकर जानकारी ले रही है।
पुलिस की इंटेलीजेंस विंग (Intelligence Wing) भी इसके लिए सक्रिय है। होटलों में ठहरने वालों की जानकारी भी प्रतिदिन ली जा रही है। विदेशी लोगों की जानकारी को लेकर खासतौर पर सख्ती है। किसी भी होटल में विदेशी आता है तो उसका फॉर्म भरकर पहचान-पत्र के साथ पुलिस को देना अनिवार्य कर दिया है।
दो सप्ताह में आई 15 हजार की जानकारी
इंटेलीजेंस सेल के डीसीपी रजत सकलेचा के मुताबिक, पुलिस की नजर हर विदेशी व्यक्ति पर है। कई बार बांग्लादेशी, अफगानी वीजा समाप्त होने के बाद वापस नहीं जाते हैं। विदेशी के देश में इंट्री करते ही सरकार के पोर्टल में जानकारी दर्ज हो जाती है। अवैध रूप से आने वालों की पहचान के लिए इंटेलीजेंस सक्रिय है। म्यांमार के मूल निवासी रोहिंग्या के बांग्लादेशियों के साथ रहने की आशंका है। इस तरह के लोग आमतौर पर जिन क्षेत्रों में रहते हैं, वहां किरायेदार व बाहरी लोगों का 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। बाहरी संदिग्धों के बारे में हर थाने में तैनात सीआइ सेल के कर्मचारी भी जानकारी ले रहे हैं। दो सप्ताह में पुलिस के पास 15 हजार किरायेदारों की जानकारी आ गई है।