गौरतलब है कि तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में स्थित आरटीओ कार्यालय में फर्जी अंकसूची के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। लंबे समय से पुलिस इसकी जांच कर रही थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में जांच के लिए टीम गठित की। जानकारी मिली कि हैवी व्हीकल के लाइसेंस बनवाए जाने के लिए मार्कशीट की आवश्यकता होती है जो उपलब्ध नहीं होने पर आरटीओ एजेंट बड़ी रकम लेकर उपलब्ध करा देते हैं। इसके आधार पर पुलिस टीम ने एजेंट अर्पित, विकास, प्रेमसागर, नजीर को हिरासत मे लेकर पूछताछ करने पर उक्त फर्जी मार्कशीट बनाना स्वीकार किया। आरोपियों ने पूछताछ करने पर बताया कि हैवी लाइसेंस दो कैटेगरी में अलग-अलग रेट में बनाते थे तथा मार्कशीट नहीं होने पर अतिरिक्त रुपए लेकर रहीस एवं भोला से मार्कशीट बनवाना बताया। पुलिस टीम ने भोला एवं रहीस को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें उन्होंने लगभग तीन साल से बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट बनाकर फर्जीवाड़ा करना बताया है। पुलिस टीम द्वारा उक्त मामले में अर्पित पिता रमेश अग्रवाल, विकास पिता रामेश्वर, प्रेमसागर पिता घनश्याम शर्मा, नजीर पिता शब्बीर, रहीस पिता कल्लू खान और भोला उर्फ मनोज पिता लालचंद राजोले को गिरफ्तार किया और १०० फर्जी मार्कशीट बरामद की। थाना प्रभारी नीरज कुमार मेढ़ा ने बताया कि मामले में हमने आरोपियों का रिमांड आज लेंगे। आरटीओ अधिकारियों को भी इस बाबद लिखेंगे। जिनकी भूमिका होगी उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।