बाणगंगा पुलिस ने बताया कि आरोपित राघवेंद्र सिंह पिता राजबहादुर सिंह बर्खास्त सिपाही है, जो भोपाल पुलिस लाईन में रहता था। फरियादियों ंने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि उसने कई अन्य लोगों को व्यापमं का अधिकारी बताकर भी ठगी की है। लगभग ३० लाख रूपए की ठगी के मामले सामने आए हैं। फरियादी परमजीत से उनके बेटे की पटवारी में नौकरी लगवाने के नाम पर आरोपित ने 10 लाख रुपए ले लिए। आरोपी ने पीडि़ता जगमीत कौर की लाईब्रेरी में सरकारी नौकरी लगाने की बात कहकर 2 लाख 50 हजार रुपए लिये। आरोपित ने विनय से उसकी बहन को लाईब्रेरी में नौकरी लगाने का बोलकर 04 लाख रुपए लिए।
आरोपित ने आरक्षक यतेन्द्रसिंह से प्लॉट खरीदने के नाम पर 05 लाख 50 हजार रुपए लिए। प्रधान आरक्षक सिरेशसिंह से प्लाट खरीदने के नाम पर 2 लाख 50 हजार रुपए लिए। सरोज से उसकी बेटी को बैंक में नौकरी लगवाने का कहरकर 05 लाख रुपए ले लिए। आरक्षक ब्रजहेन्द्रसिंह के मामा सुरेश सिंह से 2 लाख 50 हजार रुपए लिए। इसके अलावा भी कई लोगों से उसने नौकरी लगवाने और प्लाट खरीदवाने के नाम पर ठगी की और फरार हो गया। बताते हैं कि आरोपित लंबे समय से फरार है और जिन पुलिसकर्मियों को उसने ठगा है वह भी उसकी तलाश कर रहे हैं।