प्रदेश में सबसे ज्यादा जिला अध्यक्ष को लेकर उठापटक कहीं पर रहती है तो वह इंदौर नगर व जिला में। यहां पर वर्षों से सुमित्रा महाजन व कैलाश विजयवर्गीय के बीच में नियुक्ति को लेकर खींचतान चलती रही है, लेकिन आखिर में दोनों एक-एक का बंटवारा कर लेते थे।
पिछली बार भी कैलाश शर्मा को महाजन अध्यक्ष बनाकर लाईं थीं तो विजयवर्गीय ने महू से अशोक सोमानी को नियुक्त करवाया था। इस बार विजयवर्गीय दोनों ही जगहों पर अपने समर्थकों को काबिज कराने की फिराक में हैं, जिसको लेकर अभी से बिसात जमाना शुरू कर दी है।
विजयवर्गीय की ओर से शहर के लिए गौरव रणदिवे का नाम होगा, जो वर्तमान में प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की गुड लिस्ट में भी हैं। इसका अंदाजा २४ अक्टूबर को होने वाले बैठक से ही लगाया जा सकता है, जिसमें भगत ने शहर के प्रमुख २२ नेताओं को बुलाया है, जिसमें गौरव भी शामिल हैं।
विजयवर्गीय ने विधानसभा चुनाव में भी खासा प्रयास किया था कि गौरव को राऊ से टिकट मिल जाए पर शिवराज सिंह चौहान ने अड़कर मधु वर्मा को टिकट दिलवाया। कैलाश ग्रामीण क्षेत्र में चिंटू वर्मा के नाम पर दांव खेलेंगे। यहां वर्मा की राह आसान यूं भी हो सकती है कि जिले में कमउम्र का मजबूत नाम भी नहीं है। बात रही अनुभव की तो वर्मा दो बार जिला भाजयुमो अध्यक्ष रहे हैं तो चार साल से जिला भाजपा के महामंत्री भी हैं। वहीं, किसी से उनकी बुराई भी नहीं है।
जगह तलाश रहे मोर्चे के पदाधिकारी
गौरतलब है कि भगत ने गुरुवार को इंदौर के २२ नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव रणदिवे को भी अपेक्षित किया गया। इसके बाद अन्य मोर्चो के पदाधिकारी सकते में हैं। प्रदेश महामंत्री प्रदीप नायर और महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी का नाम भी नहीं है। इसके अलावा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कैरो भी इंदौर के हैं। भगत की लिस्ट में इनका नाम नहीं
आना खासी चर्चा का विषय है।
गौरतलब है कि भगत ने गुरुवार को इंदौर के २२ नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव रणदिवे को भी अपेक्षित किया गया। इसके बाद अन्य मोर्चो के पदाधिकारी सकते में हैं। प्रदेश महामंत्री प्रदीप नायर और महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी का नाम भी नहीं है। इसके अलावा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कैरो भी इंदौर के हैं। भगत की लिस्ट में इनका नाम नहीं
आना खासी चर्चा का विषय है।