भाई-बहनों के त्योहार रक्षाबंधन पर कोरोना का साया मंडराता नजर आ रहा है। सामान्य तौर पर बहनें मायके जाने के एक दिन पहले खरीदारी करती हैं, लेकिन रविवार को लॉक डाउन की वजह से सारा मामला गड़बड़ा रहा था। इसके चलते लगातार मांग हो रही थी कि रक्षाबंधन से सबंधित दुकानों को खोला जाए।
इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सबसे पहले बिगुल बजाया था। चूंकि फैसला गृह विभाग का था, इसलिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी बात की थी। कल तो उन्होंने यहां तक बोल दिया कि जब पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी कर सकती हैं, तो शिवराजजी भी करेंगे।
इधर, लगातार व्यापारी संगठनों का दबाव आने पर नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भी जनप्रतिनिधियों की बैठक बुला ली। इस बीच सरकार की तरफ से संदेश आ गया कि आपदा प्रबंधन समिति स्थानीय स्तर पर फैसला ले सकती है। चर्चा के दौरान कृष्णमुरारी मोघे, संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, मधु वर्मा, सुदर्शन गुप्ता और मनोज पटेल ने एक सुर में राखी, मिठाई और पूजन सामग्री की दुकान खोलने की बात कही। इस पर रणदिवे ने कलेक्टर मनीष सिंह से बात कर विषय से अवगत कराया, जिस पर आदेश जारी करने की सहमति बन गई।
उधर कुछ ही देर में सांसद शंकर लालवानी ने बयान जारी कर दिया। कहना था कि मुख्यमंत्री से बात कर जनभावना से उन्हें अवगत कराया। कुछ ही समय बाद रणदिवे ने भी वीडियो जारी किया, जिसमें जनप्रतिनिधियों के फैसले की जानकारी दी। सोशल मीडिया पर समर्थकों के बीच श्रेय को लेकर होड़ मच गई। मजेदार बात ये है कि प्रशासनिक अमला भाजपा की इस जोरआजमाइश का पूरा मजा ले रहा है। अपनी मर्जी के फैसले कराने के लिए एक पक्ष को पकड़ लेता है।
लगातार मची हुई खींचतान कोरोना में आमजन को राहत देने वाले फैसलों के लिए आपदा प्रबंधन समिति को सरकार ने अधिकार दे रखे हैं। इसमें सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और नगर भाजपा अध्यक्ष को रखा गया है। बैठक में कोई भी फैसला होने के तुरंत बाद सांसद लालवानी का संदेश सबसे पहले जारी हो जाता है। यहां तक कि कई मुद्दों पर फैसला होने के पहले ही उन्होंने प्रतिक्रिया दे दी, जिसको लेकर कुछ सदस्यों ने नाराजगी भी जाहिर की। कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि संगठनात्मक बैठक के बाद बात रखने का अधिकार नगर अध्यक्ष या वरिष्ठ नेता को है। इसके चलते पिछले दिनों कृष्णमुरारी मोघे की दोबारा समिति में एंट्री कराई गई। अब उन्हें ही आगे किया जा रहा है।