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कैरी बैग की आड़ में पैकेजिंग उद्योग बर्बाद कर रहा प्रदूषण बोर्ड

locationइंदौरPublished: Sep 17, 2017 04:19:41 pm

कैरी बैग की आड़ में पैकेजिंग उद्योग बर्बाद कर रहा प्रतीन विधायकों और सांसद प्रतिनिधि के सामने उद्योगपतियों ने दर्ज कराई प्रदूषण बोर्ड से नाराजगी

इंदौर. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश कैरी बैग पर प्रतिबंध की आड़ में शहर का पैकेजिंग उद्योग बर्बाद कर रहा है। सरकार के आदेश को तोड़-मरोडक़र नगर निगम के जिम्मेदारों को गलत जानकारी दी जा रही है। निगमायुक्त के आदेश पर 3 दिन से पैकेजिंग से जुड़ी शहर की १०० इंडस्ट्री और ३०० से अधिक दुकानें बंद हैं। उद्योग प्रतिदिन लाखों का नुकसान भुगत रहा है। यही हाल रोलिंग मिल के हैं।

यह तल्खी शनिवार को शहर के पैकेजिंग उद्योग और रोलिंग मिल संचालकों ने भाजपा के तीन विधायक, सांसद प्रतिनिधि और मप्र लघु उद्योग निगम के चेयरमैन की मौजूदगी में दिखाई। उन्हंोने मुख्यमंत्री से चर्चा कर निराकरण करने का आश्वासन दिया। रविवार को उद्योगपति सुबह ११ बजे कलेक्टर व शाम पांच बजे इंदौर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर प्रदूषण बोर्ड और नगर निगम की शिकायत करेंगे। एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र (एआईएमपी) की बैठक में विधायक महेंद्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, उषा ठाकुर, राजेश अग्रवाल और बाबूसिंह रघुवंशी मौजूद थे।

२८ रोलिंग मिलें बचीं


रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश मित्तल ने बताया, शहर में चार साल पहले ५५ रोलिंग मिल थीं, अब सिर्फ २८ बची हैं। सरकार के नियमों और प्रदूषण बोर्ड की मनमानी से ऐसा हो रहा है। सभी मिलों को करीब ३० लाख रुपए का बैक फिल्टर लगाने के आदेश दिए, जो देश की किसी रोलिंग मिल में इस्तेमाल नहीं होता।

याचिका लगाओ


बैठक के दौरान लघु उद्योग निगम के चेयरमैन रघुवंशी ने कहा, यदि सरकार के आदेश को तोड़-मरोडक़र पेश किया जा रहा है तो उद्योगपतियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर करना चाहिए। एआईएमपी के सचिव योगेश मेहता ने अन्य उद्योगों से जुड़ी परेशानी भी रखीं।

तीन दिन से ३०० दुकानें बंद

पैकेजिंग उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण पाटनी ने बताया कि तीन दिन पहले बोर्ड के कहने पर निगम कमिश्नर ने पैकेजिंग उद्योग से जुड़ी १०० इंडस्ट्री और ३०० दुकान संचालकों को प्रतिष्ठान बंद करने के आदेश दिए थे। कैरी बैग के नाम पर हमें बंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे 41 उद्योगों ने 3 माह पूर्व बोर्ड में पंजीयन के आवेदन किए थे, लेकिन न तो अनुमति दी जा रही है और न उसे खारिज किया जा रहा है।
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