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विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका इस छोटे से शहर का आलू

locationइंदौरPublished: May 16, 2022 11:58:37 am

Submitted by:

Sanjay Rajak

देशभर में आलू पपड़ी के लिए मशहूर महू तहसील के कारखानों में तैयार होने वाला उत्पाद अब विदेशों तक अपनी पहचान बना रहा है। यहां से तैयार होने वाली पपड़ी की डिमांड अब देशभर में ही रही है। लेकिन अब देश की सरहद के पार भी यहां से तैयार हुआ रिहाइड्रेड पटेटो क्यूब विदेशी थालियों में मालवा का स्वाद बढ़ा रहा है। पूरे देश सिर्फ महू में ही पटेटो क्यूब तैयार किया जाता है।

विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका इस छोटे से शहर का आलू

विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका इस छोटे से शहर का आलू

संजय रजक@ डॉ. आंबेडकर नगर(महू).
इंदौर जिले की महू तहसील के कोदरिया व आसपास के कुछ गांव में पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से आलू पपड़ी के कारखाने संचालित हो रहे हैं। 20 वर्ष पहले यूएस से आइडिया लेकर एक कारखाना संचालक ने नया प्रयोग करते हुए पटेटो क्यूब तैयार किए। इसकी खासियत है कि महीनों बाद भी गर्म पानी डालते ही यह क्यूब आकार में बड़े और आलू का ताजा स्वाद देते हैं। इन पटेटो क्यूब की डिमांड सबसे ज्यादा यूएई, कुवैत, दुबई, ईरान, इराक, सउदी अरेबिया आदि खाड़ी देश के साथ भारत के उत्तर में पहाड़ी क्षेत्रों में हैं। पिछले वर्ष इन्हीं कारखानों में तैयार हुए 300 टन से अधिक पटेटो क्यूब खाड़ी देशों सहित देश के पहाड़ी इलाकों में सप्लाय हुए हैं।
ऐसे बनते हैं पटेटो क्यूब

आलू छीलकर क्यूब तैयार करते हैं। फिर से धोया जाता है, जिससे स्टार्च खत्म हो जाता है। इसके बाद ब्लांचिंग मशीन में आधा उबाला जाता है। इसके बाद सूरज की रोशनी में सुखाया जाता है। अंत में 1, 5, 10 और 20 किलो की पैकेजिंग कर व्यापरियों को आगे बढ़ा दिया जाता है। महू गत वर्ष 300 टन से पेटेटो क्यूब तैयार किए गए थे।
एक किलो क्यूब 6 किलो आलू के बराबर

कारखाना संचालक मुकाती ने बताया कि इन पटेटो क्यूब की मांग उन जगहों से अधिक आती है। जहां पर आलू आसानी से नहीं मिल पाता है। पहाड़ी इलाके और खाड़ी देशों में इसकी खासी डिमांड है। एक किलो आलू क्यूब को गर्म पानी में डालने पर 6 किलो आलू तैयार हो जाते हैं। इसका स्वाद भी ताजे आलू की तरह ही होता है।
नहीं मिल रहा सरकार का साथ

कारखाना संचालकों ने बताया कि इस उत्पाद को लेकर सरकार की ओर से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है। हम सीधे व्यापारियों की डिमांड पर प्रोडक्ट तैयार करते है और आगे की प्रक्रिया व्यापारी करते हैं। प्रशासन की ओर से इस सेक्टर को आगे बढ़ाने की बात तो की जाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है।
किसानी छोड़ शुरू किया कारखाना

भगवती प्रसाद मुकाती 2003 तक खेती किसानी करते थे। इसके बाद आलू चिप्स बनाने का छोटा कारखाना शुरू किया। 5 साल पहले पपेटो क्यूब तैयार करना शुरू किया। मुकाती ने बताया कि व्यापारियों की मांग पर साइज 5 से 15 एमएम तक के क्यूब तैयार करते हैं। लूज पैकेजिंग कर उन्हें सप्लाय करते हैं। व्यापारी एक्सपोर्ट पैकिंग कर विदेश भेजते है। वर्तमान 4.5 संचालक पटेटो क्यूब बना रहे हैं।
यूएस से लिया आइडिया

कारखाना संचालक मधु माहेश्परी ने बताया कि 20 साल पहले यूएस में इस तरह के गाजर, आलू के क्यूब देखे थे। वहां प्रक्रिया समझकर यहां आलू से क्यूब तैयार करना शुरू किए। इसकी डिमांड बढऩे लगी। आर्मी भी 100 से 200 टन पटेटो क्यूब महू के कारखानों से ही लेती हैं। पूरे भारत में सिर्फ कोदरिया में ही यह क्यूब तैयार किए जाते हैं।

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