प्रीतमलाल दुआ सभागृह में शुक्रवार को ‘प्रतिबिंब’ फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें 22 फोटोग्राफर्स ने अपने फोटो एग्जीबिट किए। प्रदर्शनी में जयपुर के महलों की विलासिता, गुना की गलियों की मस्ती, बचपन के खेल और मस्तियां, ब्रज की होली, यूके के लेडस्कैप आदि देखने को मिले। प्रदर्शनी में आर्किटेक्चर, वाइल्ड लाइफ, लैंडस्कैप, पोट्रेट, नेचर, स्प्रिचुअल जैसी थीम्स पर फोटो एग्जीबिट किए गए।
अभावों के बीच मुस्कुराता बचपन : राज राजेश्वर सोनी ने स्ट्रीट फोटोग्राफी में जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुंदरता के साथ कैद किया है। उनकी एक तस्वीर दिल को छू जाती है जिसमें दो बच्चे चूल्हे के पास छुप कर बैठे हैं और बतिया रहे हैं। कच्चा मकान और चूल्हा जहां अभावों की कहानी कहते हैं वहीं इन बच्चों की मुस्कान मुस्कान की कोई कीमत नहीं। ये अभावों में बेवजह ही मिल जाएगी और महलों में खोजने पर भी नहीं। उनकी एक तस्वीर में स्कूल यूनिफार्म पहने बच्चियां दीवार के पीछे छिप कर खिलखिला रही है और तस्वीर में चाय का प्याला लिए गेहूं बीनती महिला को दिखाकर उन्होंने जीवन के कई रंगों को समेटा है।
पंछियों की खूबसूरती : चेतन ऐरन ने नेचर फोटोग्राफी की थीम पर अपनी फोटो प्रदर्शित की है। एक तस्वीर में मैना और कठफोड़ा है। मैना अंदर से झांक रही है तो कठफोडा बाहर से अंदर घुसने का प्रयास कर रहा है। मानो दोनों के बीच घोसले को लेकर विवाद हो। आसिफ अंसारी ने लैंडस्कैप और स्ट्रीट फोटोग्राफी क ो दिखाया है, जिसमें सर्दियों की सुबह का कोहरा और मोटसाइकिल से आता व्यक्ति, साइकिल पर मस्ती में मस्त खिलौने वाले का चित्र खूबसूरत है। ये प्रदर्शनी 16 एवं 17 सितंबर को सुबह 11 से शाम 9 बजे तक खुली रहेगी।