must read : मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले – 15 साल में प्रदेश कहां से कहां आ गया, तस्वीर आपके सामने तीन दिन पहले सिंह अपने पुराने समर्थक गुड्डू के कॉलेज में अतिथि बनकर पहुंचे थे। इसको लेकर चर्चा है कि गुड्डू की कांग्रेस में वापसी होने जा रही है पर मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने सिंह के वहां जाने पर सवाल खड़े करते हुए कह दिया कि कार्यकर्ताओं के मनोबल पर अच्छा असर नहीं पड़ेगा।
must read : झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस ने झोंकी पूरी ताकत, सरकार को मजबूत करने का है प्लान सिंधिया भी नहीं करते पसंद इधर, मंत्री तुलसी सिलावट भी नहीं चाहते है कि गुड्डू की वापसी हो, लेकिन अब तक उन्होंने खुलकर कोई बयान नहीं दिया है। सिंधिया भी गुड्डू को पसंद नहीं करते, क्योंकि उनके परिवार को लेकर टिप्पणी की थी। आलोट विधायक मनोज चावला और घटिया विधायक रामलाल मालवीय ने भी विरोध कर दिया। संगठन की कमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथ में ही है और वे कोई जोखिम लेना नहीं चाहते। दिल्ली में भी बात बिगड़ी हुई है। राहुल गांधी भी गुड्डू से नाराज हैं, क्योंकि पिछली विधानसभा चुनाव में उनकी घोषणा थी कि नेता पुत्र को टिकट नहीं दिया जाएगा। गुड्डू ने कलाकारी दिखाते हुए बेटे अजीत को आलोट से लड़वा दिया था।
भाजपा में नहीं मिल रही तवज्जो गुड्डू भाजपा में आ तो गए, लेकिन विधानसभा चुनाव तो ठीक पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी उन्हें काम नहीं दिया। यहां तक कि पार्टी कार्यक्रमों के न्योता भी नहीं जा रहे थे। गुड्डू मन से कांग्रेसी ही बने रहे। इसीलिए कॉलेज के कार्यक्रम में सिंह के अलावा विनय बाकलीवाल व सदाशिव यादव को भी बुलाया, लेकिन क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया या नगर भाजपा अध्यक्ष गोपी नेमा को न्योता ही नहीं दिया।