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विपक्षी दल एकजुट नहीं हो रहे जनता का दबाव है भाजपा को हटाने के लिए – येचूरी

locationइंदौरPublished: Jul 11, 2018 12:25:00 am

माकपा महासचिव येचूरी ने मोदी सरकार पर कसा तंज, आज देश को नेता नहीं नीति चाहिए

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इंदौर.
केंद्र की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण जनता परेशान हो चुकी है। जनता भाजपा की सरकार को हटाना चाहती है। और जनता का ही दबाव है जिसके कारण भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आ रही हैं। ये कहना है माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचूरी का।
माकपा की राज्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए येचूरी इंदौर आए थे। इस दौरान वे प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में भी शामिल हुए। जहां उन्होने भाजपा द्वारा सभी राजनेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के जैसा दूसरा नेता नहीं होने के प्रचार पर तंज कसते हुए कहा कि देश को नेता नहीं नीति चाहिए। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण ही देश में हालात खराब हो रहे हैं। २०१४ के बाद उद्योगपतियों को साढ़े 11 लाख करोड़ रुपए का कर्जा दिया गया। ये पैसा केंद्रीकृत बैंकों से दिया गया। क्या ये बगैर सरकार की मंजूरी के संभव था। उन्होने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय पर मीडिलमैन हुआ करते थे। जिसका हमने भी विरोध किया था। लेकिन अब मीडिलमैन खुद सरकार है। उन्होने आईडीबीआई बैंक में जीवन बीमा निगम का पैसा लगवाने को भी गलत बताया। येचूरी के मुताबिक एलआईसी का काम निवेशकों को अच्छा रिर्टन दिलवाना है। लेकिन उसके पैसे को लूटी हुई बैंकों को बचाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। ये देश के कैश रिजर्व का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं उन्होने प्रधानमंत्री के कांग्रेस को बेलगाड़ी बताने पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी राज में भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन सरकार उसकी जांच नहीं होने दे रही है। सरकार के जाने के बाद सब सामने आ जाएगा। उस समय भाजपा सीधे जेलगाड़ी होगी। उन्होने इस दौरान कोर्ट पर भी सरकारी दबाव की बात को ये कहकर साफ कहा कि हम क्या सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने सामने आकर ये ही तो बात रखी थी।
चुनाव बाद तय होगा गठबंधन
येचूरी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद की भी ये कहकर हवा निकाल दी कि, भारत में लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था है। जिसमें जनता द्वारा चुने गए सांसद ही अपना नेता चुनते हैं। ऐसे में चुनावों में जीतकर आने वाले ही गठबंधन कर सकते हैं। आम चुनावों के दौरान जो रिजल्ट आएंगे उसके हिसाब से ही गठबंधन और नेता तय होगा। उसके पहले कुछ भी नहीं हो सकता है।
छुपाने के लिए नहीं बुला रहे सत्र
वहीं लोकसभा का सत्र महज 15 दिन और मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र महज दो दिन चलने पर उन्होने केंद्र और प्रदेश सरकार पर भी आरोप लगाए। उनका कहना था कि संसद और विधानसभाओं में ही सरकारों की हरकतों के खुलासे होते हैं, जो जनता के बीच नहीं पहुंचे, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार छोटे सत्र बुला रही हैं। जबकि इतने कम समय में देश और प्रदेश पर चर्चा होना संभव नहीं है।
बंगाल में सांप्रदायिकता के कारण पिछड़े
कभी कम्यूनिस्ट पार्टी का गढ़ रहे बंगाल में ही पार्टी के पिछडऩे की बात को येचूरी ने स्वीकार किया। उन्होने इसके लिए बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की राजनीति को जिम्मेदार बताया। उनके मुताबिक बंगाल में दोनों ही पार्टियां सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही है। जिसके कारण तात्कालिक लाभ तो पार्टियों को मिल सकता है, लेकिन ये देश के लिए गलत होगा। हम इस राजनीति से दूर हैं, इसलिए हम कमजोर हुए हैं।
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