इंदौर

खरीफ की अच्छी बुवाई की उम्मीद में घटने लगी जिंसों की कीमतें

इसके कारण सोयाबीन, अरंडी, धनिया, जीरा, हल्दी और कॉटन जैसी कई कृषि जिंसों की कीमतों में गिरावट आने लगी है।

इंदौरJun 14, 2019 / 04:21 pm

हुसैन अली

खरीफ की अच्छी बुवाई की उम्मीद में घटने लगी जिंसों की कीमतें

इंदौर. मानसून भले ही एक सप्ताह की देरी से केरल पहुंचा है लेकिन मौजूदा सीजन में बारिश सामान्य रहने की भविष्यवाणी से खरीफ फसलों के लिए बेहतर संभावनाओं को देखते हुए कई कृषि जिंसों की मांग कमजोर पडऩे लगी है। इसके कारण सोयाबीन, अरंडी, धनिया, जीरा, हल्दी और कॉटन जैसी कई कृषि जिंसों की कीमतों में गिरावट आने लगी है।
मानसून से फसलों को फायदा

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने इस साल 96 फीसदी मानसूनी बारिश होने की भविष्यवाणी की है । बारिश सामान्य रहने से खरीफ फसलों पर उम्मीद बढ़ी है। हालांकि कई जानकारों का कहना है कि अगर तूफान का असर बढ़ता है तो मानसूनी बारिश प्रभावित हो सकती है, जिससे जिंसों की कीमतों में उथल-पुथल बढ़ सकती है।
जून के आखिर तक बारिश में तेजी आएगी

कमोडिटी विश्लेषकों का कहना है कि जून के आखिर और जुलाई में मानसून तेजी से पूरे देश में फैल जाएगा। खरीफ फसलों की बुवाई तेज होगी। बारिश तेज होने पर चना, सोयाबीन, हल्दी और ग्वार सीड की कीमतों में तेज गिरावट आने लगेगी। उम्मीद की जा रही है कि बारिश अच्छी होगी तो खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आएगी।
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सोयाबीन सहित तेल-तिलहन में गिरावट

मानसून सक्रिय हो जाने से वायदा बाजारों में गिरावट आने लगी है, जिससे हाजिर बाजारों में जिंसों के दाम कम हुए है। कारोबारियों के अनुसार मांग कमजोर रहने से हाजिर बाजार में इसकी कीमत पर दबाव बना है। सोयाबीन वायदा में पिछले एक सप्ताह में करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट आ चुकी है। तिलहन वर्ग के अरंडी वायदा में पिछले एक सप्ताह में करीब छह फीसदी की गिरावट आ चुकी है। मंडी में सोयाबीन 3600 से 3700, चना 4250, तुवर 5850 व गेहंू 1850- 2000 रुपए की रेंज में आ गए है। व्यापारियों का कहना है कि अगर मानसून अच्छा रहा तो कीमतें समर्थन मूल्य से नीचे ही रहेगी।
शकर के भाव में नरमी

किराना बाजार में ग्राहकी कमजोर रहने से शकर के भाव में नरमी का रुख रहा। उधर महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में सूखे की वजह से गन्ने के खेत सूख रहे है और मानसून आने मे देरी हो रही है, जिससे आने वाली फसल काफी प्रभावित होने की आशंका है। इसके कारण भारत में चीनी का उत्पादन अगले सीजन मे औसतन पिछले तीन साल के निचले स्तर तक गिर सकता है। शकर 3325 से 3350 , शकर एस- 3360 , खोपरा गोला बाक्स मे 165 से 185, खोपरा बूरा 2100 से 3800 रुपए।
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