लोधा कॉलोनी में पक्के मकान बनाने के लिए नगर निगम यहां की जमीन का एक हिस्सा बेचेगा। निगम को उम्मीद है कि 100 करोड़ में जमीन बिकेगी, इसमें से 75 करोड़ मकान बनाने पर खर्च किए जाएंगे।
गरीब बस्ती के लोगों को मकान बनाकर देने के लिए शहर की दो कॉलोनियां लोधा कॉलोनी और प्रकाशचंद सेठी नगर को चिह्नित किया गया। यहां कच्चे मकान तोड़कर स्वस्थान स्लम पुनर्विकास (आइआरडी) के तहत पक्के मकान बनाए जाएंगे। निर्माण कार्य के लिए चार बार टेंडर बुलाने के बावजूद कोई कंपनी आगे नहीं आई, इसलिए अब फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महू नाका के पास लोधा कॉलोनी में मकान बनाने के लिए जो सरकारी जमीन नगर निगम को मिली है, उसमें से कुछ हिस्सा बेचकर यह मकान बनाए जाएं। इसका प्रस्ताव प्रोजेक्ट देखने वाले अफसरों ने बना लिया है, जिसे मंजूरी के लिए (एमआइसी) में रखा जाएगा।
बनाना हैं 960 मकान
लोधा कॉलोनी में निगम को करीब 960 मकान बनाना हैं, जिसकी लागत 75 करोड़ रुपए है। इतनी बड़ी राशि खर्च होने पर कोई कंपनी ठेका लेने आगे नहीं आ रही, क्योंकि मकान बनाने के लिए पूरी लागत कंपनी को ही लगाना है। इसके एवज में निगम मकान बनाने के बाद बची जमीन ठेकेदार को दे रहा था, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसका उपयोग कर ठेकेदार कमर्शियल के रूप में भी बेच सकता है।
लोधा कॉलोनी में निगम को करीब 960 मकान बनाना हैं, जिसकी लागत 75 करोड़ रुपए है। इतनी बड़ी राशि खर्च होने पर कोई कंपनी ठेका लेने आगे नहीं आ रही, क्योंकि मकान बनाने के लिए पूरी लागत कंपनी को ही लगाना है। इसके एवज में निगम मकान बनाने के बाद बची जमीन ठेकेदार को दे रहा था, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसका उपयोग कर ठेकेदार कमर्शियल के रूप में भी बेच सकता है।
निगम को मिली साढ़े 4 हेक्टेयर जमीन
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निगम को लोधा कॉलोनी के पास साढ़े 4 हेक्टेयर सरकारी जमीन मिली है। इसमें से 3 हेक्टेयर पर मकान बनना हैं। शेष डेढ़ हेक्टेयर जमीन को निगम बेचेगा। इससे जो भी पैसा मिलेगा, उसे मकान निर्माण में लगाया जाएगा। निगम को उम्मीद है कि जमीन बेचने पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा आएंगे। इससे 75 करोड़ में मकान भी बन जाएंगे और पैसा भी बच जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निगम को लोधा कॉलोनी के पास साढ़े 4 हेक्टेयर सरकारी जमीन मिली है। इसमें से 3 हेक्टेयर पर मकान बनना हैं। शेष डेढ़ हेक्टेयर जमीन को निगम बेचेगा। इससे जो भी पैसा मिलेगा, उसे मकान निर्माण में लगाया जाएगा। निगम को उम्मीद है कि जमीन बेचने पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा आएंगे। इससे 75 करोड़ में मकान भी बन जाएंगे और पैसा भी बच जाएगा।
आधा एकड़ में उलझन
मकान बनाने के लिए जो सरकारी जमीन मिली है, उसमें 0.2 हेक्टेयर यानी आधा एकड़ जमीन को लेकर उलझन है। खसरे में इस जमीन को प्राइवेट बताया गया है। निगम अफसर मामले को सुलझाने में लगे हैं। इसके बाद निगम को यह जमीन भी मिल जाएगी।
मकान बनाने के लिए जो सरकारी जमीन मिली है, उसमें 0.2 हेक्टेयर यानी आधा एकड़ जमीन को लेकर उलझन है। खसरे में इस जमीन को प्राइवेट बताया गया है। निगम अफसर मामले को सुलझाने में लगे हैं। इसके बाद निगम को यह जमीन भी मिल जाएगी।
दोनों बस्तियां चार नंबर क्षेत्र की
दोनों बस्तियां चार नंबर विधानसभा और महापौर मालिनी गौड़ के विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। मकान बनाने के लिए यहां सर्वे हो चुका है। बताया जाता है कि लोगों ने मकान तोडऩे का विरोध किया, लेकिन निगम समझाइश देकर काम कराने में लगा है।
दोनों बस्तियां चार नंबर विधानसभा और महापौर मालिनी गौड़ के विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। मकान बनाने के लिए यहां सर्वे हो चुका है। बताया जाता है कि लोगों ने मकान तोडऩे का विरोध किया, लेकिन निगम समझाइश देकर काम कराने में लगा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोधा कॉलोनी में मकान का निर्माण करना है। इसको लेकर चार बार टेंडर किए, लेकिन कोई कंपनी आगे नहीं आई, इसलिए निगम जमीन बेचकर मकान का निर्माण खुद करेगा। प्रस्ताव बनाया गया है, जिसे महापौर-आयुक्त की मंजूरी के लिए एमआइसी में रखा जाएगा।
डीआर लोधी, प्रभारी अधीक्षण यंत्री, प्रधानमंत्री आवास योजना
डीआर लोधी, प्रभारी अधीक्षण यंत्री, प्रधानमंत्री आवास योजना