must read : VIDEO : इंदौर से बसें भर-भरकर दिल्ली रवाना हो रहे कांग्रेसी, केंद्र सरकार के खिलाफ दिखाएंगे आक्रोश खुद को हांगकांग में रहने वाला एनआरआई बताकर बालाजी स्टेरॉइड्स और उसके प्रमोटर प्रेम आइलदासानी ने 2016-17 में एकेवीएन के अधिकारियों से मुलाकात की थी। एकेवीएन ने दावा किया था कि एनआरआई उद्योगपति ने इंदौर के आसपास बड़े पैमाने पर निवेश का प्रचार किया गया। नर्मदा के पानी की गुणवत्ता व खासियतों से प्रभावित होकर एनआरआई मप्र में आए हैं। इसके बाद इन्वेस्टर्स समिट में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से निवेशक के रूप में आइलदासानी को मिलवाया। बाद में पीथमपुर में जमीन भी आवंटित कर दी गई।
must read : Breaking : इंदौर में कांग्रेस नेता की अवैध कॉलोनी पर चला नगर निगम का बुलडोजर, देखें VIDEO पीथमपुर की दवा कंपनी सिमबायटेक फार्मा लैब की शिकायत पर पीथमपुर थाना पुलिस ने कंपनी और प्रमोटर प्रेम आइलदासानी व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी आईटीएक्ट व हेराफेरी का प्रकरण दर्ज किया है। इसके बाद कंपनी ने पलासिया में शेखर प्लानेट स्थित सिटी ऑफिस भी खाली कर दिया है। प्रमोटर व परिवार साउथ तुकोगंज स्थित घर भी खाली कर फरार हो गया है।
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बालाजी स्टेरॉइड्स और उसके प्रमोटर प्रेम आइलदासानी के खिलाफ बोगस फर्म व खाते खुलवाकर लोन की हेराफेरी, मनी लांड्रिंग और जीएसटी घोटाले का आरोप भी लगा है। कंपनी के पूर्व कर्मचारी सुरेश वर्मा और सुरेश की पत्नी प्रीति वर्मा ने ही कंपनी के प्रमोटर के खिलाफ एसएसपी को शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक आइलदासानी ने उसे अपनी कंपनी में कर्मचारी रखा। फिर पत्नी के नाम से फर्म और बैंक खाते खोले। प्रीति वर्मा के नाम से वीयेस एयर सिस्टम व करंट अकाउंट खुलवा लिया गया। इस बोगस फर्म से अपनी ही कंपनी बालाजी को मशीनों की बिक्री के फर्जी बिल फाडक़र लोन के पैसे बोगस फर्म के खाते में जमा करवाए और बाद में निकाल लिए। इस तरह करोड़ों रुपए का हेरफेर कर लिया गया। अब जीएसटी व आयकर के नोटिस कर्मचारी के पते पर आ रहे हैं। एसएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व कर्मचारी के मुताबिक इन्वेस्टर्स समिट के प्रचार व पूर्व मुख्यमंत्री के साथ फोटो देखकर वह कंपनी के प्रमोटर से प्रभावित हुआ था। खुद को एनआरआई बता रहा प्रमोटर मुंबई का रहने वाला है।
बालाजी स्टेरॉइड्स और उसके प्रमोटर प्रेम आइलदासानी के खिलाफ बोगस फर्म व खाते खुलवाकर लोन की हेराफेरी, मनी लांड्रिंग और जीएसटी घोटाले का आरोप भी लगा है। कंपनी के पूर्व कर्मचारी सुरेश वर्मा और सुरेश की पत्नी प्रीति वर्मा ने ही कंपनी के प्रमोटर के खिलाफ एसएसपी को शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक आइलदासानी ने उसे अपनी कंपनी में कर्मचारी रखा। फिर पत्नी के नाम से फर्म और बैंक खाते खोले। प्रीति वर्मा के नाम से वीयेस एयर सिस्टम व करंट अकाउंट खुलवा लिया गया। इस बोगस फर्म से अपनी ही कंपनी बालाजी को मशीनों की बिक्री के फर्जी बिल फाडक़र लोन के पैसे बोगस फर्म के खाते में जमा करवाए और बाद में निकाल लिए। इस तरह करोड़ों रुपए का हेरफेर कर लिया गया। अब जीएसटी व आयकर के नोटिस कर्मचारी के पते पर आ रहे हैं। एसएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व कर्मचारी के मुताबिक इन्वेस्टर्स समिट के प्रचार व पूर्व मुख्यमंत्री के साथ फोटो देखकर वह कंपनी के प्रमोटर से प्रभावित हुआ था। खुद को एनआरआई बता रहा प्रमोटर मुंबई का रहने वाला है।
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बालाजी स्टेरॉइड्स के फर्जीवाड़े की खबर बाजार में फैलने के बाद दवा के कच्चे माल का कारोबार करने वाले बेसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन ने व्यापारियों को कंपनी से किसी तरह के सौदे नहीं करने व सावधानी बरतने की हिदायत दी है। एसोसिएशन के सचिव जेपी मूलचंदानी के मुताबिक हमें कई शिकायतें मिली हैं। पृष्ठभूमि संदिग्ध पाने के बाद हम अपने सदस्य व्यापारियों के लिए अलर्ट जारी कर रहे हैं। मुंबई व प्रदेश के बाहर के व्यापारियों से भी सूचना साझा की गई है।
बालाजी स्टेरॉइड्स के फर्जीवाड़े की खबर बाजार में फैलने के बाद दवा के कच्चे माल का कारोबार करने वाले बेसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन ने व्यापारियों को कंपनी से किसी तरह के सौदे नहीं करने व सावधानी बरतने की हिदायत दी है। एसोसिएशन के सचिव जेपी मूलचंदानी के मुताबिक हमें कई शिकायतें मिली हैं। पृष्ठभूमि संदिग्ध पाने के बाद हम अपने सदस्य व्यापारियों के लिए अलर्ट जारी कर रहे हैं। मुंबई व प्रदेश के बाहर के व्यापारियों से भी सूचना साझा की गई है।
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बैकग्राउंड जांचना हमारा काम नहीं
एमपीआईडीसी (एकेवीएन) के क्षेत्रीय निदेशक कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि कंपनी ने हमसे जमीन ली, बदले में शुल्क का भुगतान किया। कंपनी ख?ी हो गई और शुरू हो गई। हमारा काम इन्वेस्टर्स का बैकग्राउंड जांचना नहीं है। एनआरआई हो या न हो, इससे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाता। कितना उत्पादन हो रहा है, एक्सपोर्ट व कर्मचारियों की संख्या क्या है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है। शिकायत मेरे पास आई थी। मैंने शिकायतकर्ता को सुझाव दिया है वह अपने स्तर पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
बैकग्राउंड जांचना हमारा काम नहीं
एमपीआईडीसी (एकेवीएन) के क्षेत्रीय निदेशक कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि कंपनी ने हमसे जमीन ली, बदले में शुल्क का भुगतान किया। कंपनी ख?ी हो गई और शुरू हो गई। हमारा काम इन्वेस्टर्स का बैकग्राउंड जांचना नहीं है। एनआरआई हो या न हो, इससे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाता। कितना उत्पादन हो रहा है, एक्सपोर्ट व कर्मचारियों की संख्या क्या है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है। शिकायत मेरे पास आई थी। मैंने शिकायतकर्ता को सुझाव दिया है वह अपने स्तर पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
मैं बात नहीं कर सकता, मैं मुंबई में हूं। इस संबंध में किसी तरह की बात नहीं करना चाहता। न ही किसी को जानता हूं।
– प्रेम आइलदासानी, प्रमोटर बालाजी स्टेरॉइड्स पुलिस करे कार्रवाई
हम तो काफी पहले एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं। प्रमाण भी सौंप दिए हैं। आगे की कार्रवाई करना पुलिस के जिम्मे है।
-शशि एमएन, जनरल मैनेजर, सिमबायटेक फार्मा
– प्रेम आइलदासानी, प्रमोटर बालाजी स्टेरॉइड्स पुलिस करे कार्रवाई
हम तो काफी पहले एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं। प्रमाण भी सौंप दिए हैं। आगे की कार्रवाई करना पुलिस के जिम्मे है।
-शशि एमएन, जनरल मैनेजर, सिमबायटेक फार्मा