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इंदौर

मरीजों की हालत बिगड़ी तो मांगी हड़ताल पर बैठे नर्सिंग स्टाफ से मदद

७०० से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर होने से बिगड़ी व्यवस्था

इंदौरJan 16, 2018 / 11:48 am

अर्जुन रिछारिया

protest at my hospital
इंदौर. एमवायएच में मांगों को लेकर हड़ताल पर उतरे नर्सिंग स्टाफ की वजह से अस्पताल में मरीजों की हालत बिगडऩे लगी। व्यवस्था का अधिकतर काम नर्सों के भरोसे रहता है। एेसे में नर्सों के काम नहीं करने की वजह से दिन में तो जैसे-तैसे हालत संभल गए, लेकिन रात को स्थिति न बिगड़े इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन भी चिंता में पड़ गया।
ताबड़तोड़ स्कूल ऑफ नर्सिंग से मदद मांगी गई और वहां से करीब ८० नर्सिंग छात्राओं ने एमवायएच पहुंचकर मरीजों को संभाला। सातवां वेतन आयोग, नियमितिकरण जैसी मांगों को लेकर एमवायएच का नर्सिंग स्टाफ सुबह ८ बजे ही बाहर आ गया था। अस्पताल के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन व नारेबाजी के बावजूद अस्पताल प्रबंधन का रूख नर्म नहीं हुआ, तो नर्सों ने हड़ताल की घोषणा कर दी। नर्सिंग स्टाफ का आरोप है, राज्य शासन द्वारा निर्देश दिए जाने के बावजूद उन्हें लाभ नहीं दिया जा रहा है। नर्सेस एसोसिएशन, मप्र के संभागीय अध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक का कहना है, सभी कैडर को सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है, हमारी मांग जायज है। मंगलवार को हम कॉलेज में रैली निकालेंगे।
अधीक्षकों को चिट्ठी
इधर, डीन ने अधीक्षक को पत्र भेजा है। इस पर रात करीब ८ बजे की शिफ्ट में नर्सों को वापस काम पर लौटने की सूचना भी भेजी गई। इस पर भी नर्सिंग स्टॉफ काम पर नहीं लौटने पर अब अस्पताल प्रबंधन ने सख्त रूख अपना लिया है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन ने हड़ताल को अवैधानिक मानते हुए सभी अधीक्षकों को पत्र जारी किया है।
आज लेंगे निर्णय
अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने बताया, हमने पहले ही सभी नर्सेस को हड़ताल न करने को लेकर चेतावनी दी थी। बावजूद हड़ताल की गई। यदि मंगलवार को वे काम पर नहीं लौटे तो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम १९६६ के तहत कार्रवाई की जाएगी।एक ओर इस धरने पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा वहीं दूसरी ओर नर्सिंग स्टाफ हार मानने को तैयार नहीं हैं। देखना ये होगा कि इस मामले में और कौनसा नया मोड़ आता है।

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