scriptपीएससी ने मॉडल ऑन्सरशीट जारी होने से पहले ही हटाए विवादित सवाल | psc remove disputed question before releasing model answersheet | Patrika News

पीएससी ने मॉडल ऑन्सरशीट जारी होने से पहले ही हटाए विवादित सवाल

locationइंदौरPublished: Jan 15, 2020 11:05:53 am

पांच सवालों को हटाकर बाकी जवाबों से तैयार होगी मेरिट

 

पीएससी ने मॉडल ऑन्सरशीट जारी होने से पहले ही हटाए विवादित सवाल

पीएससी ने मॉडल ऑन्सरशीट जारी होने से पहले ही हटाए विवादित सवाल

इंदौर. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने मंगलवार शाम राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 में पूछे गए सभी विवादित सवालों को हटा दिया है। भील जनजाति पर आपत्तिजनक टिप्पणी वाले गद्यांश को ही हटा दिया है। इस गद्यांश से जुड़े पांच सवाल पेपर में पूछे गए थे। दूसरे सत्र के पेपर में ए सैट में प्रश्न क्रमांक 86, 87, 88, 89,90, बी सैट में 91, 92, 93, 94, 95, सी सैट में 96, 97, 98, 99, 100 और डी सैट में 81, 82, 83, 84 व 85 को हटाकर मूल्यांकन होगा। मॉडल ऑन्सरशीट में भी इन सवालों के जवाब नहीं दिए जाएंगे।
390 अंकों से होगा मूल्यांकन

दोनों सत्र के पेपर में 2-2 अंक के 100-100 सवाल पूछे गए थे। पांच सवाल हटाए जाने के बाद अब तक की स्थिति में 400 की जगह 390 अंकों से मूल्यांकन होगा। हालांकि, मॉडल ऑन्सरशीट जारी होने के बाद अन्य सवालों पर भी आपत्तियां बुलाई जाएंगी। जिन आपत्तियों को विषय विशेषज्ञ सही मानेंगे, उसमें सुधार होगा या फिर उन सवालों को भी हटाया जा सकता है। इस स्थिति में कुल अंक और कम हो सकते है।
प्रदेशभर में आक्रोश, सीएम दे चुके हैं जांच के आदेश

राज्य सेवा परीक्षा में भील जनजाति को लेकर आए सवाल पर प्रदेशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इसकी जांच के आदेश चुके हैं। गद्यांश के आधार पर सवालों के जवाब देना थे। इस गद्यांश में भीलों पर टिप्पणी करते हुए लिखा गया कि ‘भील निर्धन जनजाति है। भीलों की आर्थिक विपन्नता का प्रमुख कारण आय से अधिक व्यय करना है। भील वधू मूल्य रूपी पत्थर से बंधी शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही जनजाति है। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का भी एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलत: धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो