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कचरे का पैसा देकर भी जनता झेल रही जिल्लत

locationइंदौरPublished: Feb 15, 2019 10:51:26 am

Submitted by:

Uttam Rathore

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन ड्राइवर-हेल्पर लोगों से कर रहे दुव्र्यवहार, कर्मचारियों को घर से उठाना चाहिए कचरा, लेकिन नहीं उठाते

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कचरे का पैसा देकर भी जनता झेल रही जिल्लत

इंदौर. नगर निगम घर-घर से कचरा उठाने का पैसा जनता से वसूल रही है। शहर की कई कॉलोनी-मोहल्लों में कचरे का पैसा देने के बावजूद लोग जिल्लत झेल रहे हैं, क्योंकि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन ड्राइवर व हेल्पर उनके साथ दुव्र्यवहार कर रहे हैं। गीला-सूखा कचरा अलग-अलग देने के बावजूद वाहन चालक-हेल्पर नहीं ले रहे। साथ ही अलग से पैसा देने की डिमांड करते हैं। न देने पर कचरा नहीं ले जा रहे। यहां तक कि घर से डस्ट बिन उन्हें ही उठा कर कचरा गाड़ी में डालना चाहिए लेकिन वे नहीं उठाते। जिम्मेदार अफसरों के ध्यान नहीं देने से व्यवस्था गड़बड़ाने लगी और परेशान जनता हो रही है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम ने 85 वार्डों में कचरा पेटी खत्म कर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था की। इन वार्डों के कॉलोनी-मोहल्लों में 450 से ज्यादा वाहन घर-घर से कचरा लेने को दौड़ाए, जो अलग-अलग समय पहुंचते हैं। अधिकतर कॉलोनी-मोहल्लों में कचरा वाहन सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक आते हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में देर रात तक कचरा कलेक्शन करते हैं। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन चलाने वाले ड्राइवर और हेल्पर को लोगों से अच्छा व्यवहार करने के निर्देश दिए गए हैं।
दूर खड़ी करते गाड़ी
कॉलोनी-मोहल्लों में घर-घर से कचरा लेने पहुंचने वाली गाड़ी ऐसी जगह खड़ी कर दी जाती है, जिससे लोगों को घर से दूर जाकर कचरा डालने जाना पड़ता है। इस कारण बुजुर्गों को खासी परेशानी होती है।
खड़े रहते हेल्पर
कचरा वाहन के साथ चलने वाले हेल्परों की ड्यूटी है कि वो लोगों से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लेकर गाड़ी में डालें, मगर ऐसा नहीं किया जाता। वे खड़े-खड़े देखते रहते हैं। इतना ही नहीं, वे लोगों से हुज्जत अलग करते हैं।
कोई समय तय नहीं
कई कॉलोनी-मोहल्लों में वाहन आने का समय तय नहीं है। कभी सुबह 7 बजे गाड़ी आएगी या फिर 9 बजे या दोपहर में। कुछ कॉलोनी-मोहल्लों में तो कई बार दो-दो दिन तक नहीं आती। इसको लेकर शिकायत लोग निगम में करते रहते हैं।
सर्वेक्षण निपटते ही ढील
हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते दिल्ली से आई टीम को सारी व्यवस्था चाक-चौबंद दिखाने के लिए निगम के बड़े अफसर दिन-रात लगे रहे, लेकिन सर्वेक्षण निपटते ही अफसर से लेकर कर्मचारी तक ढीलपोल कर रहे हैं। इधर जनता डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन ड्राइवर के साथ हेल्पर की मनमानी का शिकार हो रही है।
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परीक्षाएं… बजाते हैं भोंगा
कचरा गाड़ी वाले जोरदार आवाज के साथ गीत बजाते आते हैं। इन दिनों 9वीं व 11वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके चलते गाड़ी पर लगे भोंगे की आवाज कम करने की मांग उठने लगी है। तेज अवाज में गाना बजने से बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत होती है। लोग आवाज कम करने को ड्राइवरों से कहते हैं, लेकिन वे सुनते नहीं।
कर्मचारियों को ये हैं निर्देश
हेल्परों को सख्त हिदायत है कि लोगों के घर के बाहर रखा कचरा खुद उठाकर गाड़ी में डालें। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों का ध्यान रखा जाए। महापौर-आयुक्त के ये निर्देश हैं, लेकिन हेल्परों ने इन्हें ताक पर रख दिया है। वे न तो किसी के घर से कचरा उठाते है, न ही किसी की मदद करते हैं। नतीजतन लोगों को खुद ही गाड़ी में कचरा डालना पड़ता है। ऐसा न करने वाले लोगों के घर से कर्मचारी कचरा नहीं लेते और धमकी अलग देते हैं कि जिसे चाहो, उससे शिकायत कर देना। लोग जब इसका विरोध करते हैं तो विवाद करने लगते हैं। मजबूरन लोगों को खुद कचरा गाड़ी में डालना पड़ता है। मामले में लोग निगम अफसरों को शिकायत भी करते हैं, लेकिन उनके ध्यान न देने से व्यवस्था गड़बड़ा रही है।
311 पर करें शिकायत
अगर यदि कचरा लेने के दौरान ड्राइवर व हेल्पर आपके साथ दुव्र्यवहार और अभद्रता करता है, तो तत्काल इसकी शिकायत निगम के इंदौर 311 एप पर करें। इसके साथ ही आयुक्त और स्वच्छ भारत मिशन के अपर आयुक्त को भी सीधे शिकायत की जा सकती है।
ठीक करवाएंगे व्यवहार
ड्राइवर व हेल्पर लोगों से बुरा बर्ताव कर रहे हैं तो इसको लेकर मुझे शिकायत करें। इस तरह की गड़बड़ी कहां हो रही है, यह दिखवाकर कार्रवाई करेंगे। साथ ही स्वास्थ्य अधिकारी और सीएसआई को निर्देशित किया जाएगा कि वे ड्राइवर व हेल्परों के व्यवहार को ठीक करें, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
– रजनीश कसेरा, अपर आयुक्त, स्वच्छ भारत मिशन
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