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इंदौर

पार्याप्त स्टॉक होने से दालों में तेजी के आसार नहीं

समर्थन मूल्य से नीचे दलहनों के दाम रहने से किसानों का ध्यान दूसरी फसलों की ओर

इंदौरAug 08, 2019 / 05:55 pm

विशाल मात

indore news

पार्याप्त स्टॉक होने से दालों में तेजी के आसार नहीं

इंदौर. दामों में अनिश्चितता और पानी की कमी के कारण दलहन की बुआई बेहद सुस्त है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों में दलहनों की बुआई में गिरावट देखने को मिल रही है। उधर पर्याप्त स्टॉक के कारण दालों में अधिक तेजी दिखाई नहीं दे रही है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि नेफेड के पास 25 लाख टन दाल का स्टॉक है। सरकार के पास भी अलग से दाल का स्टॉक है। सरकार के अलावा व्यापारी और दाल निर्माताओं के पास भी पर्याप्त मात्रा में दाल का स्टॉक है।
कम बुआई का असर कीमतों पर नहीं
बुआई कम होने का असर दालों की कीमतों पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि एक तो देश में दाल का अच्छी मात्रा में स्टॉक है। दूसरा सरकार ने 8.50 लाख मीट्रिक टन दाल आयात करने का फैसला लिया है, जिसमें 4 लाख टन तुवर , 1.50 लाख टन उड़द, 1.50 लाख टन, मूंग और 1.5 लाख टन मटर है। यह आयात 31 अक्टूबर 2019 तक आने की संभावना है। मोजांबिक से भी 2 लाख मीट्रिक टन दाल का पुराना एग्रीमेंट बना हुआ है। इस कारण दामों पर लगाम लगी रहेगी।
दलहनों की कीमतों में कमी
दलहनों की कम बुआई की मुख्य वजह किसानों को दलहनों का समर्थन मूल्य नहीं मिला है, जिसके चलते किसानों को तुवर, मूंग और उड़द में काफी नुकसान हुआ है। इसलिए किसान उन फसलों की तरफ रुख कर गया है जिनका समर्थन मूल्य अच्छा मिल रहा है। जैसे. कपास, सोयाबीन, मूंगफली आदि। सरकार ने चने का समर्थन मूल्य 4620 रुपए तय किया है और यह मंडी में 3600 से 4200 रुपए बिक रहा है। तुवर का समर्थन मूल्य 5675 रुपए है और यह 4800 से 5200 रुपए बिक रही है। मूंग का 6975 रुपए एमएसपी है और यह 5700 रुपए बिक रही है।
दलहन की बुआई 20 फीसदी कम हुई
मॉनसून देर से सक्रिय होने और देश में करीब 55 फीसदी हिस्से में सामान्य से कम बारिश होने का दलहन फसलों की बुआई पर बुरा असर पड़ा है। बुआई करीब 20 फीसदी कम हुई है। इस कारण देश की आयात निर्भरता बढऩे की आशंका तेज हो गई है। दलहन उत्पादक क्षेत्रों में देर से शुरू हुई बारिश के कारण चालू खरीफ सीजन में फसल चार साल में सबसे कम रही है। कृषि मंत्रालय के खरीफ फसल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 82.92 लाख हैक्टेयर में दलहन फसल की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 101.843 लाख हैक्टेयर, 2017 में 113.238 लाख हैक्टेयर, 2016 में 104.811 लाख हैक्टेयर, 2015 में 75.746 लाख हैक्टेयर और 2014 में 65 लाख हैक्टेयर में दलहन फसल की बुआई हुई थी। दलहन फसल को प्रोत्साहित करने की सरकारी नीतियों के कारण देश में दलहन फसलों का रकबा और उत्पादन पिछले कुछ सालों में बढ़ा था, लेकिन इस बार बुआई उम्मीद से भी कम है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल दाल का उत्पादन 2.32 करोड़ टन हुआ थाण् यह पिछले साल के 2.53 करोड़ के मुकाबले 8.7 फीसदी कम है।अधिकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटर में दाल की खेती करने वाले क्षेत्रों में सूखे की वजह से पैदावार में कमी आई हैण् दाल की पैदावार कम होने से घरेलू बाजार में भाव भी काफी ज्यादा हो गया था।

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