नाराजगी की वजह राऊ में लोगों को रोके रखना और महू सभा तक नहीं पहुंचने देना बताया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण कांग्रेसियों में जोश भरने का काम राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधी कर गए हैं। राहुल गांधी का रोड-शो इंदौर में तो अच्छा-खासा सफल हो गया, लेकिन इंदौर से लगे महू में उनकी सभा थोड़ी फीकी पड़ गई और सभा स्थल का अधिकतर हिस्सा खाली रह गया। महू में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा थोड़ी फीकी होने के लिए जिम्मेदार पटवारी को ठहराया जा रहा है, क्योंकि इन्होंने राहुल के सामने ताकत दिखाने के साथ शक्ति-प्रदर्शन के लिए भीड़ को राऊ में ही रोके रखा था, जो महू सभा तक नहीं पहुंच पाई।
ऐसे हुई सभा कमजोर महू की सभा सफल करने की जिम्मेदारी राऊ विधानसभा के कांग्रेसियों पर भी थी। उनके अलावा धार और खरगोन से भी हमेशा कार्यकर्ता आयोजन में पहुंचते है, लेकिन दोनों स्थान पर राहुल की सभा थी। इस वजह से कार्यकर्ता नहीं आए। उनके भरोसे पर दरबार ने जो मेहनत करना थी, वह की लेकिन ज्यादा ताकत नहीं लगाई। उसका सीधा असर सभा पर पड़़ा। राऊ से थोड़ी बहुत उम्मीद थी, तो विधायक पटवारी ने अपनी दुकान जमाने के चक्कर में भीड़ को महू तक नहीं पहुंचने दिया। इसके साथ ही इंदौर में राहुल गांधी के होने पर शहरी नेता और कार्यकर्ता बहुत कम पहुंचे।