खजुराहो-इंदौर-खजुराहो एक्सप्रेस ट्रेन की मांग इंदौर में रहे बुंदेलखंड के हजारों लोगों दो वर्षों से कर रहे थे। १७ फरवरी से ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। इंदौर से यह ट्रेन सप्ताह में चार दिन रवाना होती है। वर्तमान में ट्रेन में २१८ से लेकर २६५ स्लीपर बर्थ खाली हैं। स्थिति यह है कि कुछ स्लीपर कोच को लॉक करके रवाना किया जा रहा है, क्योंकि बमुश्किल एक-दो कोच ही भरा पा रहे हैं। अगर इंदौर से किसी यात्री को ललितपुर या फिर टीकमगढ़ जाना है तो यह ट्रेन रात 1 से 3 बजे तक पहुंचाती है। ऐसे में यात्री को बाकी की रात स्टेशन पर ही गुजरना पड़ेगी। इसी तरह छतरपुर, टीकमगढ़, ललितपुर आदि से खरीदारी के लिए आने वाले यात्रियों को यह ट्रेन दोपहर १.५० बजे इंदौर स्टेशन पहुंचाती है। ऐसे में आधा दिन तो ट्रेन के सफर में ही खत्म हो जाता है।
दर्जनभर से अधिक निजी बसें चल रहीं ललितपुर, टीकमगढ़, छतरपुर आदि जगह के लिए इंदौर हर दिन दर्जनभर से अधिक निजी बसों का संचालित किया जा रहा है। यह बसें तकरीबन शाम 7 से 10 बजे बीच इंदौर से रवाना होती हैं। ट्रेन में बड़ी संख्या में व्यापारी लगेज बुक कराते हैं। इन बसों का किराया 500 से 600 रुपए है। जबकि ट्रेन का किराया 300 से 350 रुपए है। अगर ट्रेन का समय शाम को कर दिया जाए तो ट्रेन को बड़ी संख्या में यात्री मिल जाएंगे। ट्रेन खजुराहो से भी इसी समय चलाना चाहिए। इस टाइम टेबल पर ट्रेन संचालन होने पर पूरी ट्रेन भरकर रवाना होगी।