समिति सदस्य जगमोहन वर्मा ने बताया कि नवंबर 2018 को 4 करोड़ 95 लाख रुपए का 2 साल का ठेका ओरिएंटल ग्रुप को दिया गया था। जिसमें प्लेटफॉर्म रिटर्न 19 ट्रेनों को मेंटेनेंस किया जाना है। इसके लिए कंपनी के साथ रेलवे ने कुछ शर्तें भी रखी है। जिसके अनुसार 66 सफाई-कर्मचारी, सफाई के लिए 10 हाईप्रेशर जेट मशीन, इन मशीनों के लिए अलग से वाटर लाईन आदि होना चाहिए, लेकिन हमने जब स्टेशन और इन ट्रेनों की सफाई मुआयना किया तो एक भी नियम पूरे होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। एक भी हाईप्रेशर जेट मशीन नहीं देखी। केवल 20-25 सफाईकर्मी ही हाथों से पानी डालते हुए काम करते दिखे। रेल यात्रियों ने भी कोच में सफाई नहीं होने की बात कही।
इन ट्रेनों के यात्री परेशान वर्मा ने बताया कि हमने बिलासपुर एक्स., देहरादून एक्स., कोटा एक्स, इंटरसिटी, छिन्दवाड़ा फास्ट पैसेंजर आदि ट्रेनों में यात्रियों से बात की थी, जिसमें अधिकांश यात्रियों में कोच में गंदगी रहने की बात कही। इसके साथ ही यात्री बदबू से भी परेशान दिखे।