स्मार्ट सिटी के तहत गोपाल मंदिर जीर्णोद्धार के लिए मंदिर परिसर से लगी दुकानों के साथ ही राजबाड़ा की दीवार से लगी दुकानों को नगर निगम ने हटाया था। बुधवार को महापौर मालिनी गौड़ यहां का दौरा करने पहुंची थीं। उनके साथ निगमायुक्त मनीष सिंह भी थे। जब वे निरीक्षण कर रही थीं, तभी यहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें राजबाड़ा का एक और गेट होना बताया। ये पीछे अतिक्रमणों के कारण बंद हो गया है। इसके पहले महापौर ने राजबाड़ा के पास से हटाई गई दुकानों की जगह और दुकान हटने के दौरान सामने आए राजबाड़ा के तीसरे गेट को भी देखा। गोपाल मंदिर में किए जा रहे कामों को देखा। आयुक्त सिंह ने उन्हें बताया, गोपाल मंदिर के चारों ओर परिक्रमा मार्ग था, जिस पर दुकानें बना ली गई थीं। इन्हें भी हटा दिया गया है। महापौर ने इसके बाद श्रीकृष्ण टॉकिज के पास ऐतिहासिक धरोहर बोलिया छत्री का मुआयना किया। इसके संजय सेतु की ओर मौजूद मुख्य गेट पर ही अतिक्रमण था। इससे गेट लगभग गायब हो गया है। महापौर और आयुक्त पास में बनी सीढिय़ों से पहुंचे तो देखा, गेट के अंदर दीवार बनाकर कब्जा किया गया है। गेट के ऊपर दूसरी मंजिल पर कमरा बना लिया गया है।
गुड़ की चाशनी, मैथीदाना से जुड़ाई
निरीक्षण के दौरान यहां एक मजदूर महिला मैथीदाना, गुड़ आदि का पेस्ट बना रही थी। महापौर ने पूछा, यह क्या है? तो जीर्णोद्धार का काम देख रही कंसल्टेंट फर्म के प्रशांत पाचोरकर ने बताया, यहां मंदिर बनाते समय जैसी जुड़ाई की गई थी वैसी ही जुड़ाई करने केलिए यह पेस्ट बनाया जा रहा है। इसमें ईंट की चूरी, चूना, गुड़ की चाशनी, मैथीदाना, गुग्गल, जूट का सन आदि मिलाया गया है।