script

लॉकडाउन में मिली छूट,राखी, मिठाई और पूजन सामग्री की दुकानें खुली

locationइंदौरPublished: Aug 02, 2020 07:40:26 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन समूह ने लिया।

लॉकडाउन में मिली छूट,राखी, मिठाई और पूजन सामग्री की दुकानें खुली

लॉकडाउन में मिली छूट,राखी, मिठाई और पूजन सामग्री की दुकानें खुली

इंदौर। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष त्यौहारों में भी लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन ने लोगों की परेशनियों को देखते हुए रविवार को लगे लॉकडाउन में छूट देने का फैसला किया है। रक्षाबंधन के ठीक एक दिन पहले रविवार को सुबह 7 से 8 के बीच लॉकडाउन में छूट देते हुए इंदौर में राखी, मिठाई और पूजन सामग्री की दुकानें खोली गई है। यह फैसला भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर लालवानी की भोपाल में हुई चर्चा और मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन समूह ने लिया।


सीमित आवाजाही की अनुमति रहेगी
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि राखी व पूजन सामग्री की स्थायी व अस्थायी दुकानें सुबह 7 से रात 8 बजे तक खुल सकेंगी। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। बाकी सारे बाजार बंद रहेंगे। दूध का वितरण भी सिर्फ सुबह ही हो सकेगा। लोगों को सीमित आवाजाही की अनुमति रहेगी।


कलेक्टर ने राखी का तोहफा दे दिया
कोरोना सर्वे और सैंपलिंग के काम में लगी एक हजार से अधिक बहनों को कलेक्टर ने राखी का तोहफा दे दिया। काम के बंधन से मुक्त करके उन्हें छुट्टी दे दी, ताकि वे अपने भाइयों के साथ परिवार में रहकर त्योहार मना सकें। इधर, ईद पर मुस्लिम बहनों को भी कार्य मुक्त रखा गया।

कोरोना महामारी से जंग में लड़ रहे सरकारी महकमे में बड़ी संख्या में महिला स्टाफ भी शामिल है, जो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर मेहनत कर रही हैं। इसमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी हैं, जिनकी संख्या एक हजार से अधिक है। कई जगह तो महिलाओं के भरोसे काम हो रहा है, जिसमें पुलिस की भूमिका कम है।

ये महिलाएं रक्षाबंधन को लेकर चिंतित थीं कि भाइयों के कलाई सूनी ना रह जाए। कलेक्टर मनीष सिंह ने उनकी चिंता दूर कर सभी बहनों को सोमवार की छुट्टी दे दी है। इसके अलावा आज ईद की मुस्लिम महिलाओं को भी छूट दे दी गई। सिंह ने अपने सभी अधीनस्थों को दोनों ही संदेश जारी कर दिए, ताकि वे नीचे तक बात को पहुंचा कर अमल में ला सकें। ये खबर मिलने के बाद महिला स्टाफ के चेहरे खिल गए।

 

इतना है महिलाओं का स्टाफ
सैंपल लेने वाली शहर में करीब 50 टीमें हैं, जिनमें 50 महिला डॉक्टर और 50 नर्स हैं। कुल मिलाकर सौ का स्टाफ तो ये हो गया। इसके अलावा सर्वे करने वाली प्रत्येक थाने की टीम है, जिसमें दस नर्स, 20 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। एक थाने पर 30 महिलाओं का स्टाफ है, जिसके हिसाब से शहर में करीब 900 महिलाए इस काम में लगी हैं। इसके अलावा भी कांटेक्ट हिस्ट्री के काम में करीब 50 महिलाए लगी हैं। वहीं, चौथी टीम जो मरीज को अस्पताल पहुंचाती है या होम क्वॉरंटीन करती है, उसमें भी दो महिला डॉक्टर रहती हैं। उस हिसाब से हजार से अधिक महिलाओं का स्टाफ है।

ट्रेंडिंग वीडियो