पुलिस अधिकारियों को ड्रोन से गैर मार्ग के सभी भवनों की छतों की जांच करने के लिए कहा गया है। किसी मकान की छत पर पत्थर आदि कुछ आपत्तिजनक दिखा तो उसे हटवाया जाएगा। कमिश्नर मिश्र के मुताबिक स्थानीय बल के साथ ही मुख्यालय से व्यवस्था के लिए एक हजार अतिरिक्त बल मांगा गया है। गेर मार्ग में 15 ड्रोन कैमरे, 150 सीसीटीवी कैमरे, 30 वीडियो कैमरे लगेंगे। अस्थायी कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, ताकि शांति बनी रहे।
बता दें कि कोरोना के कारण इंदौर में दो साल से होली के बाद आने वाली रंगपंचमी पर गेर नहीं निकल रही है। इस बार कोरोना संक्रमण का असर न होने से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्वयं होली, रंगपंचमी मनाने के साथ गेर निकालने की सार्वजनिक घोषणा कर दी। इस कारण गेर आयोजक भी उत्साहित हो गए हैं। गेर आयोजकों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इंदौर के लोग रंगों के त्योहार होली की तुलना में रंग पंचमी को अधिक उत्साह के साथ मनाते हैं. गेर को फाग जुलूस के नाम से भी जाना जाता है. इसके दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा शहर के कई हिस्सों से निकाला जाता है और रंग-बिरंगे छींटे डाले जाते हैं, साथ ही तोपों के माध्यम से पानी और गुलाल की बौछार की जाती है।
इंदौर की गेर का इतिहास काफी पुराना बताया जाता है। इसके लिए मान्यता है कि परंपरा की शुरूआत उस समय हुई, जब होलकर वंश के लोग होली खेलने के लिए रंगपंचमी के मौके पर सड़कों पर निकलते थे। कहा जाता है कि उस समय लोग बैलगाड़ियों में फूलों और प्राकृतिक चाजों से तैयार किए गए रंग और अबीर को लेकर सड़कों पर निकलते थे, जिसे सभी मिलकर एक-दूसरे के साथ मनाते थे।