कोर्ट का यह फैसला इसी रूप में संचालित किए जा रहे प्रदेश के अन्य मंदिरों पर भी लागू होगा। रणजीत हनुमान मंदिर की ओर से दिसंबर 2017 में दायर याचिका पर 5अप्रैल को जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जो मंगलवार को सुनाया गया है। राज्य सूचना आयोग ने सितंबर 2017 को आदेश देकर रणजीत हनुमान मंदिर की सभी गतिविधियों को आरटीआई के दायर में रखने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने माना, आरटीआई की धारा २ (एच) के तहत तय लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) की श्रेणी में रणजीत हनुमान मंदिर नहीं आता। मंदिर की ओर से एडवोकेट लक्की जैन ने पैरवी की।