scriptजज के सामने थर-थर कांपा दुष्कर्मी दरिंदा, बच्ची के पिता बोले- तुझे तो यहीं खत्म कर दूंगा | rape and murder of girl child, court sentenced death in indore | Patrika News

जज के सामने थर-थर कांपा दुष्कर्मी दरिंदा, बच्ची के पिता बोले- तुझे तो यहीं खत्म कर दूंगा

locationइंदौरPublished: Sep 30, 2019 07:39:12 pm

चार साल की मासूम से बलात्कार कर हत्या करने वाले वहशी को सजा ए मौत
तीन धाराओं में आजीवन कारावास भी, 24 हजार रुपए का अर्थदंड
सजा सुनाते ही फूट-फूट कर रोये बच्ची के मां-पिता, हत्यारे की कोर्ट परिसर में ही की पिटाई

जज के सामने थर-थर कांपा दुष्कर्मी दरिंदा, बच्ची के पिता बोले- तुझे तो यहीं खत्म कर दूंगा

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विकास मिश्रा @ इंदौर. चार साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या करने जैसे घृणित कृत्य करने वाले वहशी हनी उर्फ कक्कू अठवाल (22) को कोर्ट ने मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई है। कोर्ट में सजा सुनाए जाने से पहले ही बच्ची का मुंहबोला मामा दरिंदा हनी थरथर कांप रहा था। बच्ची के पिता ने बोला, मेरी मासूम बच्ची को पत्थर से कुचल कर मार दिया, मैं इसे अभी जान से मारना चाहता हूं, चाहे मुझे फांसी पर चढ़ा देना। परिजन ने जैसे-तैसे उन्हें संभाला।
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दुष्कर्मी पर दो धाराओं में आजीवन कारावास के साथ ही 24 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश सविता सिंह की कोर्ट से सजा का ऐलान होते ही मासूम के पिता और मां फूट-फूट कर रोने लगे। घटना से कुछ महीने पहले से वह फरियादी के घर में ही रहता था। हनी को जेल ले जाने के दौरान बच्ची के पिता और परिजन ने कोर्ट परिसर में ही उसकी जमकर पिटाई कर दी। बड़ी मुश्किल से पुलिस उसे ले जा सकी।
ट्यूशन से अगवा किया था बच्ची को

जिला अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने बताया, 25 अक्टूबर 2018 को हनी ने बच्ची को उसके ट्यूशन से अगवा कर लिया था। सुदामा नगर निवासी बच्ची के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत की। दो दिन बाद 27 अक्टूबर को सुबह बच्ची का शव एमजी रोड थाने से करीब कान्ह नदी के पास शिवाजी मार्केट के पीछे बने बोगदे से मिली। बच्ची से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई और फिर लाश पत्थर के नीच दबा दी थी। घटना के कुछ दिन बाद पुलिस ने हनी को रतलाम से गिरफ्तार किया था।
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नाबालिग होने के समय पहले भी कर चुका ऐसा वहशीपन

हनी 2013 में भी सात साल की बच्ची से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर चुका है। तब वह नाबालिग (17 साल) था, उसे एक साल बाल संरक्षण गृह में रखा था। बालिग हुआ तो 2016 तक जेल काटी। यह केस द्वारकापुरी थाने में रजिस्टर्ड हुआ था।
36 गवाहों के बयान, डीएनए रिपोर्ट अहम

मामले की गंभीरता और जनआक्रोश को देखते हुए जांच के लिए एसआइटी गठित की गई थी। जांच के बाद 207 पेज का चालान पेश किया गया। कुल 47 गवाहों के बयान होना थे, लेकिन कोर्ट में 36 गवाहों के बयान हुए। पुलिस ने हत्यारे हनी से मासूम बच्ची के कपड़े जब्त किए थे और डीएनए टेस्ट भी कराया था। टेस्ट रिपोर्ट को कोर्ट ने अहम माना। इसके अलावा ट्यूशन से बच्ची को ले जाने के सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट में मुख्य सबूत रहे। हालांकि घटना का कोई चश्मदीद नहीं था, लेकिन कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को भी महत्वपूर्ण माना।
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भगवान ने लौटा दी हमारी बेटी

दोपहर करीब 3 बजे केस पर फैसला आना था। बच्ची के परिजन 2.30 बजे से ही कोर्ट परिसर में पहुंचे गए। पीडि़ता के पिता ने ‘पत्रिका’ से चर्चा में कहा कि पिशाज ने मेरी मासूम को छीन लिया था। भगवान ने मेरी बेटी लौटा दी है, डेढ़ माह पूर्व पत्नी ने बेटी को जन्म दिया है। करीब 3.15 बजे जैसे ही हनी को सुरक्षा के बीच कोर्ट में लाया गया परिजन में आक्रोश दिखने लगा। फैसले के पहले ही बच्ची के माता-पिता की आंखों में आंसू थे। न्यायाधीश ने आरोपी और वकीलों को पास में बुलाकर सजा सुनाई। आवाज नहीं आने से परिजन को लगा आजीवन कारावास है और उनमें गुस्सा फूट पड़ा और आरोपी की पिटाई कर दी।
इन धाराओं में मिली सजा

भादवि धारा 376 ए : मृत्युदंड, 5000 अर्थदंड
भादवि धारा 363 : पांच वर्ष कारावास, 2000 अर्थदंड
भादवि धारा 366 : सात वर्ष कारावास, 3000 अर्थदंड
भादवि धारा 376 ए बी : आजीवन कारावास, 4000 अर्थदंड
भादवि धारा 302 : आजीवन कारावास, 4000 अर्थदंड
भादवि धारा 201 : 3 वर्ष कारावास, 2000 अर्थदंड
पाक्सो एक्ट धारा 5 (एन) 6 : आजीवन कारावास, 5000 का अर्थदंड
पिछले साल भी एक को दी फांसी की सजा

मई 2018 में भी सराफा थाना क्षेत्र में महज 3 माह 4 दिन की बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रकरण में एक वहशी को फांसी की सजा दी गई। आरोपी राजबाड़ा पर माता-पिता के साथ सो रही बच्ची को उठाकर ले गया था।
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