प्लमोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल भार्गव का कहना है कि वर्तमान में मरीज गंभीर नहीं है, लेकिन अब निमोनिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। सावधानी नहीं बरती तो हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी। कोविड नियमों का पालन करना ही होगा, संक्रमण से बचना ही एकमात्र रास्ता है। मरीजों के गंभीर नहीं होना राहत की बात है, लेकिन इससे लापरवाह नहीं होते हुए सावधान होने की जरूरत है।
इतने मरीज हैं भर्ती
संक्रमितों को फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अधिकांश निजी व सरकारी में बिस्तर खाली हैं। संक्रमितों के लिए करीब 12 हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर में 76 मरीज आइसोलेशन में हैं। एमआरटीबी अस्पताल में 12 ऑक्सीजन बेड और 2 आइसीयू में है। महू के मिलेट्री अस्पताल में 12 मरीज और कोविड केयर सेंटर डोंगरगांव, महू में 6 मरीज आइसोलेशन में हैं।
कलेक्टर ने जताई आशंका: फरवरी में आएगा पीक
कलेक्टर मनीष सिंह ने फरवरी के शुरुआती दो सप्ताह में संक्रमण और तेज होने की आशंका जताई है। 1 से 13 फरवरी के बीच संक्रमण पीक पर रहेगा और एक्टिव केस हजारों में होंगे। सिंह ने क कि अभी जो ट्रेंड चल रहा है, उसके मुताबिक 7 दिन में 2 प्रतिशत हॉस्पिटिलाइजेशन देखा गया। विदेशों में अभी 5 से 6 प्रतिशत हॉस्पिटिलाइजेशन है। सिंह ने कहा, यह बात सही है कि लोग घर में रेपिड टेस्ट कर रहे हैं। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिल रही है। इसका आकड़ा नहीं आ रहा है, यह अलग बात है। इसकी व्यवस्था कर रहे हैं।