रिपोर्ट्स के अनुसार रीड एंड टेलर और एस कुमार्स के मालिक नितिन कासलीवाल पर 6,500 करोड़ का लोन है। यह लोन अब वे चुकाने की स्थिति में नहीं है। कासलीवाल को जानबूझकर पैसा नहीं चुकाने वालों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। जबकि कासलीवाल ने कोर्ट का रुख करके दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
मध्यप्रदेश से है एस कुमार्स और रीड एंड टेलर का रिश्ता
हिन्दुस्तान की आजादी के पहले 1943 में टेक्सटाइल कंपनी एस कुमार्स ग्रुप की स्थापना मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुई थी।
-शंकरलाल जी कासलीवाल और चंद्रावती शंकरलाल जी कासलीवाल ने इसकी स्थापना की थी।
-एस का मतलब संस्थापक शंकरलाल और कुमार्स का मतलब शंकरलाल के 6 बेटों से है।
-सन 2000 में एस. कुमार्स का नाम बदल दिया गया था और यह एस. कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड (एसकेएनएल) हो गया था।
-वर्ष 1998 में SKNL ने स्कॉ़टलेंड की रीड एंड टेलर के साथ गठजोड़ कर लिया था। तभी से यह दोनों कंपनियों पर नितिन कासलीवाल का अधिकार है।
इन बैंकों का सबसे ज्यादा पैसा फंसा
विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह नितिन कासलीवाल पर भी 6,500 करोड़ से भी अधिक का लोन बाकी है। कासलीवाल ने जिन बैंकों से ज्यादा लोन लिया था उनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई, कारपोरेशन बैंक, केनरा बैंक जैसी राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल हैं। इसके अलावा यूनियन बैंक, सेन्ट्रल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक और इंडियन बैंक से भी कर्ज ले रखा है। इन बैंकों में कासलीवाल ने निजी गारंटी पर अपनी कंपनियों, एसकेएनएल, RTIL और BHRL के लिए लोन ले रखे हैं।
कोर्ट ने नितिन को विदेश जाने से रोका
एस कुमार्स ग्रुप के मुखिया नितिन कासलीवाल का पासपोर्ट भी पिछले साल ही जमा करवा लिया गया था। नितिन ने जिन बैंकों से लगभग 6,500 रुपए का कर्ज लिया था उन्हें डर था कि वो कहीं विजय माल्या जैसे विदेश न भाग जाएं, इसलिए कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनका पासपोर्ट जब्त करवा लिया गया था। इसके बाद शंभू कुमार कासलीवाल की पासपोर्ट रिलीज करने की अर्जी भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
कासलीवाल के बारे में यह भी है खास
-नितिन कासलीवाल को आईडीबीआई बैंक ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर रखा है।
-नितिन पहले ऐसे हिन्दुस्तानी बिजनेसमैन हैं जिनकी तस्वीर किसी बैंक ने नेम एंड शेम के तहत लोन डिफाल्टर्स की सूची में शामिल की है।
-21 दिसंबर 2016 को बेंगलुरु में ऋण वसूली प्राधिकरण ने एक आदेश पारित किया था, जिसमें कासलीवाल के पासपोर्ट सीज कर दिया गया था।
जिस कंपनी के कपड़े ओबामा ने पहने उसे खरीद लिया
-कासलीवाल के बारे में बताया जाता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति रहते हुए बराक ओबामा ने जिस हार्टमार्क्स कंपनी के कपड़े पहने उस कंपनी को ही नितिन कासलीवाल ने खरीद लिया था। सात साल पहले इससे दुनियाभर में हलचल मच गई थी।
-इससे पहले कासलीवाल वे रीड एंड टेलर के कपड़े को भारत में बनाने और बेचने के अधिकार ले चुके थे।
बिग बी और रितिक रोशन थे ब्रांड एंबेसेडर
-फेब्रिक आफ इंडिया माने जाने वाली कंपनी ने अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए महानायक अमिताभ बच्चन और रितिकरोशन को इसका ब्रांड एंबेसेडर बनाया था।
-ग्रुप इतना बढ़ने लगा कि यह देश के दूसरे सबसे बड़े घराने बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला के रेमंड और अरविंद ग्रुप को टक्कर देने के लिए खड़ा हो गया था।
-कम लोग ही जानते होंगे कि बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला के सालें हैं नितिन कासलीवाल।
– नितिन की बहन नीरजा कुमारमंगलम बिड़ला की पत्नी हैं। नितिन के ससुर भी बिड़ला ग्रुप में ही थे।
– नितिन की बेटी अंजनी की शादी हो चुकी है, बेटा कार्तिकेय ने कुछ समय पहले ग्रुप में काम देखना शुरू ही किया है।