दिल में बुराई ना पनपे
नूपुर बताती हैं कि बदलते समय के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। बच्चों को स्टेप मदर या स्टेप सन के बुरे बर्ताव की स्टोरीज न सुनाएं। बच्चों का दिल पानी की तरह साफ होता है, ऐसे में ध्यान रखें कि कोई ऐसी कहानी न सुनाएं जो बच्चों के दिलों में बुराई के बीज डाले। एेसी कहानी सुनाएं जो उन्हें मेंटली स्ट्रॉन्ग करने के साथ एजुकेट भी करे।
स्टोरी टेलिंग के तरीके
नूपुर बताती हैं कि बच्चों को कहानी सुनाने के दो तरीके होते हैं। पहला पैरेंट्स लाउड रीडिंग कर और दूसरा परफॉर्मेंस के साथ कहानी सुनाएं। वॉइस मॉड्यूलेशन, एक्सप्रेशन, एक्शन और साउंड से बच्चों को कहानी सुनाते हैं तो वह ज्यादा इफेक्टिव होता है। बच्चे को उसके इंटरेस्ट और उम्र के हिसाब से कहानी सुनाएं।
स्टोरी टेलिंग के फायदे
बच्चों में इमेजिनेशन पॉवर बढ़ती है।
भावनात्मक विकास होता है और खुद को सोसायटी से आसानी से कनेक्ट करते हैं।
सुनने की क्षमता बढ़ती है।
व्यक्तित्व में निखार आता है।
पैरेंट्स की बच्चों के साथ इनडायरेक्ट अप्रोच बढ़ती है।
लैग्वेंज पर कमांड होती है।
रीडिंग हैबिट डेवलप होती है।
बच्चे खुद को आसानी से एक्सप्रेस कर सकते हैं।
मोरल वैल्यूज बढ़ती है।