scriptकर्फ्यू में राहत : बेघरों के लिए सहारा बनी पुलिस | Relief in curfew: Police becomes a support for the homeless | Patrika News

कर्फ्यू में राहत : बेघरों के लिए सहारा बनी पुलिस

locationइंदौरPublished: Apr 13, 2021 11:39:19 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध करवा रहे अधिकारी, हर थाने की जिम्मेदारी तय ।

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इंदौर. कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में कर्फ्यू के हालात हैं। लॉकडाउन में जब लोग अपने घरों में कैद है तब सबसे ज्यादा मुशीबत उन लोगों की है जिनके पास घर ही नहीं है जो खुले आसमान के नीचे गुजर बसर करते हैं। इन लोगों के पेट की आग भी लोगों के दिये खाने से ही बुझती है। जब लोग अपने घरों में बंद है तो इन लोगों के खाने की जिम्मेदारी पुलिस ने उठाई है। ये तस्वीर लोगों का रहत देती है कि कोरोना संकट के समय बेघरों के लिए पुलिस सहारा बन गई है।

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पिछले लॉकडाउन में भी पुलिस और कुछ सामाजिक संस्थाओं ने ही इन लोगों का खयाल रखा था। एक बार फिर से बेघर और बेआसरा लोगों की मदद के लिए पुलिस मैदान में है। ऐसे लोग जो सड़कों पर रह रहे हैं। जिन लोगों को खाने की परेशानी हो रही है, उन्हें खाना उपलब्ध करवा रहे हैं। हर थाने को जिम्मेदारी दी गई है कि अपने क्षेत्र के ऐसे लोगों को चिन्हित करें और उन तक खाने के पैकेट पहुंचाए।

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एसपी ने बनवाए खाने के पैकेट
एसपी महेशचंद्र जैन ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने खाने के पैकेट बनवाकर बांटना शुरू करवाए हैं। साथ ही उन्होंने सभी थानों को निर्देश दिए कि वह अपने यहां पर ऐसे लोगों की पहचान कर लें, जो बेघर हैं और फिलहाल खाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह कहां रह रहे हैं, उनकी संख्या के बारे में जानकारी निकाल लें। यह सारी जानकारी वह सराफा सीएसपी एसके तोमर या फिर सीधे उन्हें नोट करवा सकते हैं। उनकी संख्या के हिसाब से वह खाने के पैकेट ले जाकर बांटें। पैकेट कम पड़ रहें तो भी उन्हें बताया जा सकता है, ताकि वह और व्यवस्था कर सकें। इसी निर्देश के बाद सराफा सीएसपी तोमर और मल्हारगंज सीएसपी जयंत राठौर खाने के पैकेट लेकर निकले। उन्होंने शहर के अलग-अलग हिस्सों में खाना बांटा। साथ ही बसों में सफर कर रहे यात्रियों को भी भोजन उपलब्ध कराया।

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दिमाग नहीं दिल से करो मदद
एसपी जैन ने स्टाफ से कहा कि वह कम से कम एक व्यक्ति की मदद जरूर करें। मदद करने के लिए दिमाग नहीं, दिल का इस्तेमाल करे। सड़कों पर कई लोग परेशानी की हालत में मिल जाते हैं। उन्हें अनावश्यक रौब दिखाने की बजाय उनकी बात सुनकर मदद की जा सकती है। किसी को राशन, दवाइयों या फिर अस्पताल जाने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे लोगों की व्यवस्थाएं करा कर मदद की जा सकती है।

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हर आने-जाने वाले रास्तों पर व्यवस्था
इंदौर पुलिस ने साल 2020 में पलायन कर रहे लोगों के लिए इंदौर की सभी सीमाओं पर भोजन-पानी की व्यवस्था की थी। सिमरोल, बेटमा, मानपुर, शिप्रा में पुलिस ने टेंट लगाए थे, जहां पर वह आने-जाने वाले लोगों को खाना खिला रही थी। इसके साथ ही आराम करने के लिए सुरक्षित स्थान भी उपल्बध कराया था

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