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भागवत कथा के दौरान मनाया कृष्ण जन्मोत्सव…सुख में प्रभु भक्ति से नहीं आएगा दु:ख

locationइंदौरPublished: Mar 22, 2018 08:51:02 am

भौतिक सुख-सुविधाओं में वासना की तृप्ति नहीं हो सकती

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इंदौर. भौतिक सुख-सुविधाओं में वासना की तृप्ति नहीं हो सकती, इसलिए वासना को मिटाकर प्रभु चरणों में आनंद की अनुभूति करें। दु:ख में जब सब साथ छोड़ देते हैं तो भगवान साथ देते हैं। सुख में भी प्रभु भक्ति करने से दु:ख कभी नहीं आएगा। मां का दर्द समझना है तो 9 किलो का पत्थर अपने पेट पर बांधकर देखो।
यह विचार बाणेश्वर कुंड बाणगंगा मैदान पर हजारों भक्तों के बीच श्रीमद् भागवत कथा में बुधवार को भागवत मर्मज्ञ देवकीनंदन ठाकुर ने व्यक्त किए।
कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। हर तरफ कृष्णा शरणम गति, कृष्णा सुस्वागतम सुस्वागतम, चढ़ आई अचक चढ़ आई यमुना आदि गीतों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भक्ति में लीन कर दिया। प्रभु के जयगान के साथ नंद घर आनंद भयो… से पंडाल गूंज उठा। माता यशोदा व नंदबाबा के वेश में मंच पर प्रभु बालगोपाल को देख श्रद्धालु आनंदित हो उठे। विशाल-प्रीति अग्निहोत्री ने प्रभु को माखन-मिश्री का भोग लगाकर देवकीनंदन ठाकुर का सत्कार कर आशीर्वाद लिया। कथा विराम के बाद श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी का आनंद लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, मप्र हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष कृष्णमुरारी मोघे, पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार, अर्चना जायसवाल, सुरेश मिंडा, संजय शुक्ला, सर्वेश तिवारी, विशाल पटेल, केके यादव, ठाकुर जितेन्द्र सिंह, पिंटू जोशी आदि ने आशीर्वाद लिया।
आज चित्र-विचित्र की भजन संध्या
आयोजक विशाल अग्निहोत्री ने बताया, गुरुवार को देवकीनंदन ठाकुर शांति संदेश के साथ कथावाचन करेंगे। 8 बजे ख्यात भजन गायक चित्र-विचित्र की भजन संध्या होगी।

अंबिकानगर में रामकथा… कुसंग का छिद्र बंद किए बिना सत्संग का निर्झर नहीं
हजारों बार कथा श्रवण के बाद भी जिनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आता उन्हें कुसंग का त्याग करना पड़ेगा। आहार, वेशभूषा, व्यक्ति और विचारों के कुसंगरूपी छिद्र जब तक बंद नहीं होंगे, कथारूपी सत्संग का निर्झर अंदर नहीं उतरेगा। कुसंग का त्याग किए बिना सत्संग काम नहीं आएगा।
उक्त विचार मानस मनीषी पं नारायण शास्त्री ने विजय नगर मेट्रो टॉवर के पीछे स्थित मां अंबिका नगर के संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में चल रही रामकथा में बुधवार को राम-सीता विवाह प्रसंग में व्यक्त किए। राम-सीता विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा शुभारंभ पर संयोजक हनुमानप्रसाद शर्मा, महिपाल यादव, सुरेश दुबे, लल्लूसिंह राजावत आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
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