यह बात वास्तुशास्त्री राजेंद्रसिंह ने एसडीपीएस कॉलेज में चल रही वर्कशॉप में कही। उन्होंने अपनी बात दो केस के माध्यम से समझाई। कॉलेज डायरेक्टर कमलेश सोजतिया ने बताया, वास्त्रु आर्किटेक्ट में लोगों की भ्रांतियां दूर करने और इसके इंटीरियर में इस्तेमाल को लेकर आयोजित 8 दिनी वर्कशॉप में 15 राज्यों के बिजनेसमैन, प्रोफेसर, स्टूडेंट्स, वास्तुशास्त्र से जुड़े प्रोफेशनल्स शामिल हुए हैं।
एक पॉवर प्लांट कंपनी के सतना प्लांट में 108 फीट टॉवर में प्रोडक्शन 2002 से बंद था। कंपनी मालिक ने मशीन्स तक एक्सपोर्ट कर दीं, लेकिन वहां भी सक्सेस नहीं मिली। वह फिर लौटा और २०१४ में संपर्क किया। 2014-15 में हमने प्लांट का एनर्जी ट्रीटमेंट किया। इसमें लैंड की पॉजिटिव एनर्जी क्रिएट की और 15 दिन में ही प्लांट चल पड़ा। 2015 में कंपनी के शेयर डबल हो गए और कुछ ही माह में करोड़ों रुपए का फायदा भी हुआ।
पेड़ वास्तु से खत्म की नेगेटिविटी
एक नेशनल लेवल की डेयरी कंपनी ने ६५ करोड़ रुपए में नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा प्लांट तैयार किया, लेकिन ६ माह में बंद हो गया। विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वास्तुशास्त्रियों पर २५-३० लाख रुपए खर्च कर दिए। हमने सिर्फ पेड़ वास्तु पर काम किया। इसमें कुछ विशेष पेड़ों की छाल की धूप तैयार की। भीमसेमी कपूर और छाल की धूप बनाकर शुक्ल पक्ष में जलाई। उन्हें अपने आप सहयोगी मिले और फैक्ट्री चलने लगी। परिसर में शमी के वृक्ष लगवाए। 11 अंगुल लकडिय़ों से नेगेटिविटी खत्म की।
एक नेशनल लेवल की डेयरी कंपनी ने ६५ करोड़ रुपए में नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा प्लांट तैयार किया, लेकिन ६ माह में बंद हो गया। विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वास्तुशास्त्रियों पर २५-३० लाख रुपए खर्च कर दिए। हमने सिर्फ पेड़ वास्तु पर काम किया। इसमें कुछ विशेष पेड़ों की छाल की धूप तैयार की। भीमसेमी कपूर और छाल की धूप बनाकर शुक्ल पक्ष में जलाई। उन्हें अपने आप सहयोगी मिले और फैक्ट्री चलने लगी। परिसर में शमी के वृक्ष लगवाए। 11 अंगुल लकडिय़ों से नेगेटिविटी खत्म की।
विज्ञान है वास्तुशास्त्र
कॉलेज की इंटीरियर डिजाइनर एंड आर्किटेक्चर प्रिंसिपल सोमा मिश्रा ने बताया, वास्तुशास्त्र हमारे देश में पांच हजार साल पुराना है, जो स्थापत्य वेद से निकला है। इसे धर्म से जुड़ा मानना गलत है, बल्कि यह विज्ञान है। सब कुछ लॉजिकल होता है। भारत में इसे हवा की दिशा के हिसाब से तैयार किया है।
कॉलेज की इंटीरियर डिजाइनर एंड आर्किटेक्चर प्रिंसिपल सोमा मिश्रा ने बताया, वास्तुशास्त्र हमारे देश में पांच हजार साल पुराना है, जो स्थापत्य वेद से निकला है। इसे धर्म से जुड़ा मानना गलत है, बल्कि यह विज्ञान है। सब कुछ लॉजिकल होता है। भारत में इसे हवा की दिशा के हिसाब से तैयार किया है।
इस तरह भी खत्म हो सकता है वास्तु दोष
घर में पेड़ लगाने से हरियाली आती है और घर में रहने वाले लोग हमेशा स्वस्थ रहते हैं। लेकिन कई बार आपके द्वारा लगाए गए पेड़-पौधे अच्?छे परिणाम नहीं देते, क्योंकि उनमें वास्तुदोष होता है। तो आइए जानें, वास्तुदोष कैसे दूर करें?
– घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो तो इससे घर में भय और निर्धनता आती है।
– घर की पूर्व दिशा में बरगद का पेड़ होने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
– घर की दक्षिण दिशा में पाकड़ और कांटेदार पेड़ होने से घर में रोग पनपते हैं।
– घर की दक्षिण दिशा में गूलर का पेड़ शुभ फलदायक होता है।
– घर के पिछवाड़े या दक्षिण की ओर फलदार वृक्ष शुभ होते हैं।
– घर के उत्तर में गूलर और नींबू का पेड़ होने से आंखों से संबंधित बीमारियां होती हैं।
– पूर्व और उत्तर दिशा में फलदार पेड़ लगाने से संतान पीड़ा अथवा बुद्धि नाश होता है।
– तुलसी का पौधा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं। घर के दक्षिण में तुलसी का पौधा कठोर यातना देता है।
घर में पेड़ लगाने से हरियाली आती है और घर में रहने वाले लोग हमेशा स्वस्थ रहते हैं। लेकिन कई बार आपके द्वारा लगाए गए पेड़-पौधे अच्?छे परिणाम नहीं देते, क्योंकि उनमें वास्तुदोष होता है। तो आइए जानें, वास्तुदोष कैसे दूर करें?
– घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो तो इससे घर में भय और निर्धनता आती है।
– घर की पूर्व दिशा में बरगद का पेड़ होने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
– घर की दक्षिण दिशा में पाकड़ और कांटेदार पेड़ होने से घर में रोग पनपते हैं।
– घर की दक्षिण दिशा में गूलर का पेड़ शुभ फलदायक होता है।
– घर के पिछवाड़े या दक्षिण की ओर फलदार वृक्ष शुभ होते हैं।
– घर के उत्तर में गूलर और नींबू का पेड़ होने से आंखों से संबंधित बीमारियां होती हैं।
– पूर्व और उत्तर दिशा में फलदार पेड़ लगाने से संतान पीड़ा अथवा बुद्धि नाश होता है।
– तुलसी का पौधा घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं। घर के दक्षिण में तुलसी का पौधा कठोर यातना देता है।
ये पेड़ शुभ फल देते हैं
तुलसी – यह पौधा नकारात्मकता दूर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा घर या ऑफिस की पूर्व दिशा या पूर्व-उत्तर के कोने में रखना चाहिए। इससे धन लाभ और मानसिक शांति मिलती है। इस पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
सफेद मदार – यह पौधा पूर्व-उत्तर के कोने में या इन दिनों दिशाओं में लगाया जा सकता है। इससे धन लाभ और अचानक फायदा होता है। इस पौधे के शुभ फल से हर तरह के काम सिद्ध होते हैं और दुश्मनों पर जीत मिलती है। मनमुटाव नहीं होता और प्रेम बना रहता है।
केले का पेड़ – वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पेड़ ईशान कोण में यानी पूर्व-उत्तर दिशा में होना चाहिए। इस पेड़ के प्रभाव से मन शांत रहता है। आकर्षण बढ़ता है। हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसके प्रभाव से घर में शांति और सुख बढ़ता है।
आंवला – यह पेड़ हर तरह का पाप खत्म करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आंवला के वृक्ष पर सभी देवताओं का वास है। घर या ऑफिस में आंवले का पेड़ उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे हर तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं और घर का हर तरह का कष्ट निवारण हो जाता है।
अशोक – इस पेड़ को घर या ऑफिस की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इससे हर तरह का दोष खत्म होता है। सेविंग बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है।
तुलसी – यह पौधा नकारात्मकता दूर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा घर या ऑफिस की पूर्व दिशा या पूर्व-उत्तर के कोने में रखना चाहिए। इससे धन लाभ और मानसिक शांति मिलती है। इस पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
सफेद मदार – यह पौधा पूर्व-उत्तर के कोने में या इन दिनों दिशाओं में लगाया जा सकता है। इससे धन लाभ और अचानक फायदा होता है। इस पौधे के शुभ फल से हर तरह के काम सिद्ध होते हैं और दुश्मनों पर जीत मिलती है। मनमुटाव नहीं होता और प्रेम बना रहता है।
केले का पेड़ – वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पेड़ ईशान कोण में यानी पूर्व-उत्तर दिशा में होना चाहिए। इस पेड़ के प्रभाव से मन शांत रहता है। आकर्षण बढ़ता है। हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसके प्रभाव से घर में शांति और सुख बढ़ता है।
आंवला – यह पेड़ हर तरह का पाप खत्म करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आंवला के वृक्ष पर सभी देवताओं का वास है। घर या ऑफिस में आंवले का पेड़ उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे हर तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं और घर का हर तरह का कष्ट निवारण हो जाता है।
अशोक – इस पेड़ को घर या ऑफिस की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इससे हर तरह का दोष खत्म होता है। सेविंग बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है।
पत्रिका अभियान के तहत लगाए 100 पौधे
पत्रिका हरित प्रदेश अभियान के तहत स्कूल परिसर में स्टूडेंट्स ने पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पत्रिका के जोनल हेड आरआर गोयल रहे। वास्तु के हिसाब के 100 पौधे लगाए गए। इसमें विद्या बढ़ाने के लिए शमी, चंदन, सिंधु, तुलसी, नारियल के पौधे और बच्चों में एकाग्रता बढ़ाने के लिए सफेद गुलाब, केवड़ा, कनेर, मनी प्लांट लगाए गए। स्टूडेंट्स ने उत्साह से सहभागिता की। कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें पर्यावरण का महत्वकर इन पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी दी।
पत्रिका हरित प्रदेश अभियान के तहत स्कूल परिसर में स्टूडेंट्स ने पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पत्रिका के जोनल हेड आरआर गोयल रहे। वास्तु के हिसाब के 100 पौधे लगाए गए। इसमें विद्या बढ़ाने के लिए शमी, चंदन, सिंधु, तुलसी, नारियल के पौधे और बच्चों में एकाग्रता बढ़ाने के लिए सफेद गुलाब, केवड़ा, कनेर, मनी प्लांट लगाए गए। स्टूडेंट्स ने उत्साह से सहभागिता की। कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें पर्यावरण का महत्वकर इन पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी दी।