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आईडीए अफसर और योजना प्रभारी की चूक से आईडीए को इस भारी-भरकम पेनल्टी चुकाना होगी। आईडीए के मुख्य अभियंता एसएस राठौर ने आदेश की पुष्टि करते हुए कहा, पूर्णता प्रमाण पत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनने से विलंब शुल्क लगाया गया है। रेरा अध्यक्ष एंटोनी डिसा ने कहा, आईडीए ने प्लॉट बिक्री से पहले योजना का पंजीयन नहीं कराया। इसमें देरी के लिए तय दर से पेनल्टी देना होगी।
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गंदगी पर भड़के स्वास्थ्य मंत्री, बोले- मैं खुद लगाऊंगा अस्पताल में झाडू यह है मामला आईडीए ने रेरा के समक्ष योजना क्रमांक 78 में रिक्त आवासीय एवं पीएसपी भूमि उपयोग के प्लॉट्स के पंजीयन के लिए आवेदन किया था। यह प्लॉट्स कोर्ट प्रकरण में जीतने के बाद प्राधिकरण को मिले हैं। नगर निगम द्वारा योजना को पूर्णता प्रमाण दिया जा चुका है। अफसरों ने इसी आधार पर आवेदन लगा दिया। रेरा ने इसे गंभीरता लेते हुए आईडीए को प्लॉट्स का रेरा के तहत पंजीयन करवाने और जरूरी विलंब शुल्क भरने के आदेश दिए।