इंदौर

पढ़ाई पर लगाई पाबंदी, तो लकड़ी ने उठा लिया यह कदम

पढ़ाई जुनून और परिवार की खराब माली हालत ने एक नाबालिग लड़की को घर छोडऩे पर मजूबर कर दिया। लड़की बहाना बनाकर घर से निकली और सीधे इंदौर स्टेशन पहुंच गईं। जब तक परिजनों को कुछ पता चलता मुबंई के लिए अवंतिका एक्सप्रेस में रवाना भी हो गई।

इंदौरOct 06, 2019 / 10:57 am

Sanjay Rajak

पढ़ाई पर लगाई पाबंदी, तो लकड़ी ने उठा लिया यह कदम

संजय रजक@ इंदौर. पढ़ाई जुनून और परिवार की खराब माली हालत ने एक नाबालिग लड़की को घर छोडऩे पर मजूबर कर दिया। लड़की बहाना बनाकर घर से निकली और सीधे इंदौर स्टेशन पहुंच गईं। जब तक परिजनों को कुछ पता चलता मुबंई के लिए अवंतिका एक्सप्रेस में रवाना भी हो गई, लेकिन डीआरएम की सतर्कता के चलते दाहोद आरपीएफ ने लड़की को सकुशल दाहोद स्टेशन पर उतार लिया। देर रात परिजन भी दाहोद के लिए रवाना हो गए।
जानकारी के अनुसार मेघदूत नगर की किशोरी पढऩे की बात को लेकर परिजनों से नाराज हो गई थी। दरअसल परिवार की हालत ठीक नहीं है और किशोरी बेहतर पढ़ाई चाहती थी। इस बात को लेकर शनिवार दोपहर को किशोरी कॉपी-किताब लेने के बहाने से घर से निकली और सीधे इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंच गई। इसके बाद मुंबई जा रही अवंतिका एक्सप्रेस के एस-१ में सवार हो गई। इधर, जब घर पर किशोरी नहीं पहुंची तो परिजन यहां-वहां खोजने लगे। फिर सूचना मिली की किशोरी रेलवे स्टेशन गई है। इसके बाद डीआरएम आरएन सुनकर को सूचना दी गई। डीआरएम सुनकर ने तत्काल सभी आरपीएफ थाने पर फोटो भेजकर अलर्ट कर दिया।
दाहोद आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर जय प्रकाश ने बताया कि डीआरएम कार्यालय से मिली सूचना के बाद इंदौर से आने वाली अवंतिका एक्सप्रेस चेक की गई। ट्रेन के एस-१ कोच में किशोरी सकुशल मिल गई। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। देर रात परिजन स्टेशन से किशोर को ले गए। मुबंई जा रही थी। जानकारी के अनुसार किशोर पढ़ाई के लिए मुबंई में रह रहे अपने चाचा के पास जा रही थी। किशोरी के पास रेलवे टिकट भी नहीं था।

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