ऐसे सुलझी गुत्थी..
शिवसेना नेता रमेश साहू की हत्या के बाद परिजन ने डकैती के बारे में पुलिस को बताया था लेकिन कई जगहों पर रमेश साहू की प्रॉपर्टी होने के कारण पुलिस इसे प्रॉपर्टी विवाद से जोड़कर भी देख रही थी। तफ्तीश के दौरान पुलिस को मृतक रमेश साहू के ढाबे के पास ही रहने वाले राहुल सिंह के बारे में जानकारी लगी। राहुल करीब दो साल से ढाबे के पास रहता था और धार जिले के मनावर का रहने वाला था। शक के आधार पर पुलिस ने राहुल को पकड़कर पूछताछ की तो वारदात की पूरी गुत्थी सुलझ गई।
कुक्षी की गैंग ने की वारदात
पुलिस के मुताबिक आरोपी राहुल रमेश साहू के बारे में काफी जानकारी थी और उसने ही कुक्षी के रहने वाले अपने साथियों को इसके बारे में जानकारी दी थी जिसके बाद कुक्षी के रहने वाले प्रेम सिंह और कमल सिरवी को दी थी। जिसके बाद आरोपी कमल सिंह, प्रेम सिंह और राहुल ने मिलकर दो बार रमेश सिंह के ढाबे और घर की रैकी की। रैकी के बाद आरोपी प्रेम सिंह ने अपने साथियों सुनील चौहान, कालू सोलंकी, विजय सिंह, अंतिम सिंह, कमल व एक अन्य साथी के साथ मिलकर दो अगस्त की रात रमेश सिंह के घर पर हमला बोला। कुत्तों को भगाने के लिए आरोपियों ने हवाई फायर किया था और इसी हवाई फायर की आवाज से रमेश साहू व उनकी पत्नी और बेटी की नींद खुल गई थी। घर में दाखिल होने के बाद आरोपियों ने हथियारों की नोंक पर रमेश सिंह और उनकी पत्नी को बंधक बनाया और फिर जेवरात और नकदी लूटे। रमेश सिंह के विरोध करने पर आरोपी विजय ने गोली मार दी थी जो रमेश साहू की गर्दन के पास लगी थी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। आरोपियों ने रमेश सिंह की बेटी के साथ भी मारपीट की थी जिससे उसका हाथ टूट गया था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अलग अलग होकर फरार हो गए थे। मुख्य आरोपी विजय गुजरात के द्वारका में जाकर छिप गया था और मजदूरी करने लगा था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो कंगन, गले का हार, मांग टीका, दो झुमके, दो चूडियां, सोने की रुद्राक्ष माला, सोने की दो चूड़ियां, एक जोड़ी कान की सोने की कनचडी, सोने का एक टॉप्स, दो अंगूठी सोने की, एक चांदी का कड़ा और एक जोड़ी पायजेब चांदी बरामद की हैं।