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सीएस की कार्रवाई पर सवाल आईएएस को क्यों दी जा रही छूट

locationइंदौरPublished: Sep 03, 2017 12:04:00 pm

इंदौर में एक चेक बाउंस होने पर दी सजा, महू और सांवेर में दर्जनों चेक अनादरण के बाद भी अफसरों को छोड़ा

chief secretary

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इंदौर. राजस्व प्रकरणों की समीक्षा के दौरान बीते दिनों मुख्य सचिव ने राज्य के अफसर की तो घेराबंदी कर दी, लेकिन आईएएस अफसरों को छोड़ दिया।

इंदौर में राजस्व प्रकरणों की जांच के दौरान मुख्य सचिव बीपी सिंह ने एक चेक बाउंस होने पर लापरवाही मानते हुए एसडीएम संदीप सोनी को सस्पेंड कर दिया। संदीप सोनी राज्य प्रशासनिक सेवा से आते हैं। वहीं महू में चेक बाउंस के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। यहां पर कुछ महीने पहले तक बतौर एसडीएम संदीप जीआर पदस्थ थे। संदीप जीआर आईएएस अफसर हैं और ट्रेनिंग पर हैं। उनके कार्यकाल में राजस्व वसूली के तहत जमा किए 10 से चेक बाउंस हुए हैं। ये तथ्य सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। सांवेर में भी दो साल में राजस्व वसूली के तहत लिए गए 30 चेक बाउंस हुए। यहां पर भी रवि श्रीवास्तव और उनके पहले अनिल बनवारिया एसडीओ थे। इन दोनों के समय पर जो चेक राजस्व विभाग में जमा कराए गए वो बाउंस हुए, लेकिन इन दोनों ही अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। राऊ में भी 31 चेक बाउंस हुए हैं। यहां की जांच खुद राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पांडे ने की थी।
इंदौर में तात्कालिक गलती सामने आने पर कार्रवाई की गई है। संभाग के सभी जिलों में एसडीओ, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के कामों की समीक्षा की जा रही है। सोमवार-मंगलवार तक रिपोर्ट आ जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
– संजय दुबे, संभागायुक्त
500 फाइलों में मिली गड़बड़ी
संभाग के राजस्व कार्यों की समीक्षा के तहत जिले से जुड़े एसडीएम क्षेत्रों की फाइलों में गड़बडिय़ां निकलने का दौर जारी है। शनिवार को जिले के चार एसडीएम क्षेत्रों की करीब 500 फाइलों में गड़बड़ी होने की बात सामने आई है। सीएलआर एमपी अग्रवाल और अपर आयुक्त आनंद शर्मा ने महू, राऊ, संयोगितागंज और सेंट्रल कोतवाली एसडीएस क्षेत्र के राजस्व से जुड़ी फाइलों की जांच की। अफसरों द्वारा बाहरी पक्षों के साथ मिलकर की गई गड़बडिय़ों से सरकार को करोड़ों के राजस्व नुकसान की आशंका है। इसी बीच संभागायुक्त संजय दुबे ने संभाग के सभी कलेक्टरो को निर्देश दिए हैं कि राजस्व की समीक्षा के बाद जिन मामलों की जांच शुरू की गई है उनकी विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। लंबित प्रकरणों के साथ डायवर्शन के मामलों पर भी नजर रखी जाए।

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