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72 बीमारियों को ठीक करता है चावल

locationइंदौरPublished: Sep 19, 2018 01:06:24 pm

Submitted by:

amit mandloi

दाऊदी बोहरा समाज के भोज में सैयदना ने बताएं चावल के गुण

bohra samaaj

72 बीमारियों को ठीक करता है चावल

इंदौर. दाऊदी बोहरा समाज के 53 वें धर्मगुरु सैयदना आली कदर मुफद्दल सैफुद्दीन मौला मंगलवार को वाअज में सैफीनगर मस्जिद में जलवा अफरोज हुए। सैयदना की तरफ से नियाजे हुसैन का सामूहिक भोज हुआ। इंदौर में 2 लाख सहित देश-विदेश में 12 लाख लोगों ने सामूहिक भोज किया। मस्जिद की तरबियत हॉल में सैयदना ने समाजजन को थाल दिए। सैयदना से खाने का थाल लेकर समाजजन ने खुद को खुशनसीब समझा। उनके परिवार के सदस्यों ने सांघी ग्राउंड सहित अन्य मस्जिदों में समाजजन को अपने हाथों से खाना खिलाया। इसके पूर्व मोहर्रम की 8 तारीख को अशरा मुबारका की 7वीं वाअज में 51वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना ताहेर सैफुद्दीन मौला एवं 52वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन मौला की 1986 में इंदौर में फरमाई गई वाअज का ऑडियो-वीडियो प्रसारण हुआ।
चावल में सिफत ’ज्यादा है, इससे शिफा होती हैं 72 बीमारियां
52वें धर्मगुरु सैयदना डॉ. मोहम्मद बुरहानुद्दीन मौला ने मौला अली मुश्किल कुशा की परहेजगार व ईबादत गुजार जिंदगी के बयान फरमाते हुए शहादत पढ़ी थी। उन्होंने चावल की फजीलत के बयान फरमाते हुए कहा, चावल में सिफत (विशेषता या गुण) बहुत ’यादा है। चावल से 72 बीमारी शिफा (रोग से मुक्त करना) होती हैं। चावल खाने से मन को सुकून मिलता है। चावल खाने से रोजी में बरकत होती है। चावल से बने शकराना से भोजन की शुरुआत करने से शुभ होता है। इस अवसर पर अशकबार आंखों से पूर जोश मातम हुआ।
महिला-पुरुष दोनों लें शिक्षा
52वें सैयदना बोले थे, शिक्षा हासिल करते रहे। शरीयते इस्लाम ने मर्द-औरत दोनों को शिक्षा हासिल करना फर्ज किया है। माता-पिता की सेवाकर उनकी दुआएं लें। ब‘चों की तरबियत अ‘छी तरह करें।
सफेद कुर्ते की शुरुआत वाअज में
52 वें सैयदना ने 11 सितंबर 1986 में वाअज सैफी नगर में फरमाई थी। सैयदना ने जिंदगी जीने की सीख दी थी। सफेद कुर्ता पायजामा भी पहनने की शुरुआत इस दिन से हुई थी। सैयदना ने कहा था कि खुदा के पास स्व‘छ और सफेद कुर्ते पयजामा में जाएं।
51वें दाई की वाअज
समिति के जौहर मानपुरवाला, हैदरअली महूवाला ने बताया, 51वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना ताहेर सैफुद्दीन मौला की पूर्व में फरमाई वाअज का ऑडियो प्रसारण हुआ। उन्होंने इमाम हुसैन की शहादत के बयान फरमाते हुए शहादत पढ़ी।

अविस्मरणीय दिन
मजहर हुसैन सेठजीवला व सदस्य बुरहानु²ीन शकरुवाला ने बताया मंगलवार को दिन ऐतिहासिक व अविस्मरणीय था। 1986 के अशरा मुबारका की याद ताजा हो गई, तब इंदौर में मोहर्रम के अशारा मुबारका की 9 दिनी वाअज के लिए धर्मगुरु डॉ. सैयद्ना मोहम्मद बुरहानु²ीन मौला इंदौर तशरीफ लाए थे।
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